- महान वैज्ञानिक तथा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ‘इसरो’ के प्रथम अध्यक्ष डॉ. विक्रम साराभाई के 99वें जन्म वर्ष के अवसर पर भारत के दूसरे चंद्र मिशन, जो कि भारत का प्रथम मून लैंडिंग मिशन है, के लैंडर को ‘विक्रम’ नाम दिया गया है। इसे वर्ष 2019 में प्रक्षेपित किया जाएगा।
- विक्रम साराभाई को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का वास्तुकार माना जाता है। वे इसरो के प्रथम अध्यक्ष (1963-1971) थे तथा प्रख्यात कॉस्मिक विकिरण वैज्ञानिक भी।
- विक्रम साराभाई की स्मृति में इसरो टीवी आरंभ किये जााने तथा कैंब्रिज यूनिवर्सिटी, गुजरात यूनिवर्सिटी व मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में उनके नाम से पीठ स्थापित करने की घोषणा की गई है।
- बंगलुरू स्थित अंतरिक्ष भवन में डॉ. साराभाई की अर्द्धमूर्ति भी स्थापित की गई।
- भारत का दूसरा चंद्र मिशन जनवरी से मार्च 2019 के बीच किसी दिन प्रक्षेपित किया जाएगा।
- 3890 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 को जीएसएलवी मैक-3 से प्रक्षेपित किया जाएगा। इसके साथ ऑर्बिटर, विक्रम लैंडर व रोवर प्रेषित किया जाएगा। लैंडर चंद्रमा के धरातल को भी स्पर्श करेगा।
- वर्ष 1969 में अमेरिकी अंतरिक्षयात्री नील आर्मस्ट्रॉन्ग के चंद्रमा के धरातल को स्पर्श करने के 50 वर्षों पश्चात भारत का कोई रोवर इसे स्पर्श करेगा।
- ज्ञातव्य है कि भारत का प्रथम चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-1’ 22 अक्टूबर, 2008 को पीएसएलवी-सी11 से प्रक्षेपित किया गया था।