- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ‘इसरो’ ने 27 फरवरी, 2019 को ‘मृणाल’ (Mrinal) का निर्माण करने वाले जीवित बचे वैज्ञानिकों को सम्मानित किया।
- इन्हें विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र तिरुवनंतपुरम के श्रीनिवास ऑडिटोरियम में सम्मानित किया गया जिसे इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने बंगलुरू से वीडियो के माध्यम से संबोधित किया।
- मृणाल, प्रथम स्वदेशी समन्वित ठोस प्रणोदक (first composite solid propellant) है, का विकास अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र (विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का पूर्ववर्ती) के प्रोपेलैंट इंजीनियरिंग डिविजन द्वारा किया गया।
- इससे पहले 21 जनवरी, 2019 को ‘मृणाल’ की 50वीं वर्षगांठ मनाई गई। 21 जनवरी, 1969 को थुम्बा से रोहिणी श्रृंखला के आरएच-75 साउंडिंग रॉकेट के उड़ान में मृणाल ठोस प्रणोदक का उपयोग किया था।
- इस प्रणोदक को प्रसृद्ध नृत्यांगना मृणालिनी साराभाई का नाम दिया गया है जो कि भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई की पत्नी थीं।