- लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में केंद्रीय पूर्वोत्तर विकास (डीओएनईआर) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेद्र सिंह द्वारा 18 जुलाई 2018 को दी गयी जानकारी के अनुसार भारत सरकार ने अमरीका के एलआईजीओ प्रयोगशाला के सहयोग से लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव लेबोरेट्री (Laser Interferometer Gravitational Wave Laboratory-LIGO) – इंडिया (LIGO-India) के निर्माण और संचालन को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है।
- अमेरिका में 2 लीगो वेधशालाओं की तरह यह तीसरा वेधशाला है।
- इस बारे में भारत के डीएई-डीएसटी और अमेरिका के राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन की ओर से 30.03.2016 को हस्ताक्षर किये गये।
- एलआईजीओ इंडिया वेधशाला का वर्ष 2024 में तैयार हो जाना निर्धारित है।
- इस परियोजना के लिए विभिन्न जगहों का सर्वेक्षण करने के बाद महराष्ट्र के हिंगोली जिले में एक जगह का प्राथमिक तौर पर चुनाव किया गया और परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अग्रिम चरण में है।
- लाइगो प्रयोगशाला का उद्देश्य आइंस्टाइन की सापेक्षता के सिद्धांत के तहत अनुमानित ग्रैविटेशनल वेव्स को पकड़ना है। न्यूट्रॉन तारों के विलय या ब्लैक होल्स या सुपरनोवा से सृजित ग्रैविटेशनल वेव्स को इस प्रयोगशाला में अंकित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए अमेरिका के हैनफोर्ड (वाशिंगटन) एवं लुइसियाना के लिविंगस्टोन में दो लाइगो प्रयोगशाला स्थापित किए गए हैं।