भारत की पहली वैश्विक, मेगा विज्ञान प्रदर्शनी “विज्ञान समागम” कोलकाता में शुरू

विश्व के प्रमुख मेगा विज्ञान परियोजनाओं को एक साथ लाकर भारत की पहली वैश्विक मेगा विज्ञान प्रदर्शनी “विज्ञान समागम” का 4 नवंबर 2019 को कोलकाता के साइंस सिटी में उदघाटन किया गया। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया।

विभिन्न स्थानों पर आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी मुम्बई और बेंगलुरू में अपने सफल आयोजन के बाद अब कोलकाता में जनता के लिए खोल दी गई है। आज से शुरू हुई विज्ञान समागम प्रदर्शनी 31 दिसंबर, 2019 तक चलेगी। परमाणु ऊर्जा विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, इन परियोजनाओं की धन पोषण एजेंसियाँ और संस्कृति विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद जो कि वेन्यू पार्टनर हैं और उनके पास डिजाइन और ऐसी प्रदर्शनियों की मेजबानी की विशेषज्ञता है और इन्होंने मिलकर प्रतष्ठित विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया है।

विज्ञान सिटी में समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने विज्ञान समागम की यात्रा पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि “मेगा विज्ञान परियोजनाएं नवीन प्रौद्योगिकियों के विकास में सहायक सिद्ध होती हैं और ये प्रौद्योगिकियाँ हमारे दैनिक जीवन में कई अन्य अनुप्रयोगों के काम आती हैं। ये वर्ल्ड वाइड वेब, उन्नत इमेजिंग टेक्नोलोजिज, आधुनिक फोटोग्राफी और मेडिकल इमेजिंग में प्रयोग की जा रही हैं। इसके अलावा कैंसर थैरेपी में भी एक्सलेरेटर का इस्तेमाल किया जा रहा है, ये कुछ उदाहरण हैं। इनकी सूची बहुत बड़ी है लेकिन इससे ये सिद्ध होता है कि मेगा विज्ञान परियोजनाओं के माध्यम से समय के साथ-साथ वैश्विक प्रौद्योगिकी में प्रमुख परिवर्तन के युग का सुत्रपात हुआ है”।

विज्ञान समागम प्रदर्शनी

विज्ञान समागम प्रदर्शनी अपने दर्शकों को विश्व के छोटे और बड़े वैज्ञानिक तथ्यों और ब्रह्माण्ड के समझबूझ के अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों को उजागर करने का प्रयास है। हिग्स कणों की खोज से न्युट्रान स्टार और ब्लैक होल्स के विलय से उत्पन्न गुरुत्वाकर्षण की लहरों की खोज के दौरान इन परियोजनाओं ने ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और विभिन्न चरणों में इसके विकासक्रम से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नों पर प्रकाश डाला है। प्रदर्शनी विश्व विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार तथा उच्च ऊर्जा भौतिकी, परमाणु भौतिकी, अंतरिक्ष विज्ञान और एस्ट्रोफिजिक्स और परमाणु ऊर्जा आदि के क्षेत्रों में अनुसंधानकर्ताओं के लिए भारत का योगदान है। इससे परमाणु ऊर्जा विभाग के कार्यों के परमाणु प्रौद्योगिकियों पर कार्यों के अलावा मूल विज्ञान और अनुसंधान के कार्य और सूचना प्रौद्योगिकी की देशभर में संस्थागत और विषयी सीमाओं तक के क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की व्यापक कनेक्टिविटी को ऊजागर किया जा सकेगा। कोलकाता विज्ञान समागम की शुरूआत और नई दिल्ली में इसके अंतिम चरण के बाद इसे 21 जनवरी, 2020 से 20 मार्च, 2020 के बीच राष्ट्रीय विज्ञान केन्द्र में लगाया जाएगा। इसके बाद यह नई दिल्ली में एक स्थायी प्रदर्शनी बनेगी जिसकी देखभाल राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद करेगी।

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