- लद्दाख के हनले में स्थित भारतीय खगोलीय वेधशाला में 0.7 मीटर के ग्रोथ-इंडिया (GROWTH-India) दूरबीन ने अपना पहला विज्ञान प्रेक्षण किया है जो नोवा विस्फोट का अनुवर्ती अध्ययन है।
- नोवा सफेद बौने सितारों की सतह पर हिंसक विस्फोटक घटनाएं हैं, जिससे तारों की चमक में अस्थायी वृद्धि होती है। सुपरनोवा के विपरीत, तारे समाप्त नहीं होते बल्कि विस्फोट के बाद अपनी पूर्व स्थिति में लौट आते हैं ।
- ग्रोथ-इंडिया दूरबीन छह महीने पहले शुरू किया गया था जिसके बाद इसने 12 जून की रात को पहली बार प्रकाश देखा था। तब से टेलीस्कोप रीडिंग ले रहा है, ।
- नोवा विस्फोट का प्रेक्षण खगोल विज्ञान में एक छोटा कदम है, लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ी छलांग है, क्योंकि यह इस दूरबीन द्वारा प्राप्त पहला वैज्ञानिक परिणाम है।
- जिस नोवा विस्फोट का इसने प्रेक्षण किया वह है M31N-2008, जिसमे कई बार विस्फोट हुआ है, नवंबर 2018 में हालिया विस्फोट हुआ।
- यह दूरबीन पूरी तरह से रोबोटिक है और अपने आप पर काम कर सकता है। इस दूरबीन में एक क्षेत्र है जो पांच से छह गुना बड़ा है। यह लगभग 10-15 सेकंड में आकाश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में गति या अपना ध्यान केंद्रित कर सकता है और इसका कैमरा उन आकाशीय वस्तुओं को देख सकता है जो हजारों से लाखों प्रकाश वर्ष दूर हैं।
- ग्रोथ-इंडिया दूरबीन ग्लोबल रिले ऑफ ऑब्ज़र्वेटरीज वाचिंग ट्रांसिएंट्स हैपन ( Global Relay of Observatories Watching Transients Happen) का हिस्सा है। इसके तीन लक्ष्य हैं: (1) लाइगो समूह द्वारा बाइनरी न्यूट्रॉन स्टार विलय को महसूस करते समय विस्फोट की खोज (2) पास के युवा सुपरनोवा विस्फोटों का अध्ययन, (3) पास के क्षुद्रग्रहों का अध्ययन।