- विश्व आर्थिक मंच द्वारा 17 सितंबर, 2018 को जारी ‘फ़्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट’ जारी की गई।
- इस रिपोर्ट के अनुसार अगले सात वर्षों के भीतर यानी वर्ष 2025 तक 12 प्रमुख उद्योग क्षेत्रक में कार्यस्थल कार्य घंटों में मशीन मानव का स्थान ले लेगा।
- वैश्विक स्तर पर लगभग 50 फीसद कंपनियां यह मानती हैं कि अगले चार वर्षों में पूर्ण कालिक या फुलटाइम कार्यबल का स्थान ऑटोमेशन ले लेगा। हालांकि रिपोर्ट यह भी कहती है कि यह पर्याप्त पुनर्कौशल की जाती है तो नई नौकरियां के कारण रोजगार में विशुद्ध बढ़ोतरी ही होगी।
- रिपोर्ट के अनुसार भारत में उपर्युक्त सेक्टरों में 54 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्ष 2022 तक फिर से कौशल विकास की जरूरत पड़ेगी।
- विश्व आर्थिक मंच के संस्थापक व एक्सक्युटिव अध्यक्ष क्लॉस श्वाब के अनुसार निकट भविष्य में कार्यबल रूपांतरण कोई पहलू नहीं है। इसके बदले हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट, क्लाउड टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोट एवं ऑटोमेशन जैसे प्रौद्योगिकीय बदलाव वर्ष 2018-2022 तक मानव व मशीन के बीच महत्पूर्ण रूपांतरण के कारक होंगे।
- रिपोर्ट के अनुसार जहां वर्ष 2018 में 12 महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र, जिसमें विनिर्माण से लेकर सेवा तक शामिल हैं, में कुल कार्य घंटे का औसतन 71 प्रतिशत मानव द्वारा संपन्न किए जाते हैं। लेकिन वर्ष 2025 तक 48 प्रतिशत कार्य घंटे मानव द्वारा जबकि 52 प्रतिशत कार्य घंटे मशीन द्वारा संपन्न किए जाएंगे।