- चीन विश्व का पहला देश हो गया है जिसने चंद्रमा पर कोई पौधा उगाने में सफल रहा। चांग’ए-4 रोवर (Chang’e 4 lander) के साथ जिन छह प्रजातियों को भेजा गया था उनमें से कपास (कॉटन) की बीज का अंकुरण हुआ। हालांकि यह भी अधिक समय तक जीवित नहीं रह सका।
- जिस कनस्टर में इसे उगाया गया, उसमें उष्मा के लिए बैटरी नहीं थी। यह चंद्रमा पर रात होते ही वहां के तापमान को बर्दास्त नहीं कर सका। चंद्रमा पर रात्रिकाल लगभग दो सप्ताह का होता है व रात्रि में तापमाान काफी अधिक हो जाता है। यह -180 डिग्री सेंटिग्रेड तक पहुंच गया। दिन में यही तापमान 100 डिग्री सेंटिग्रेड तक पहुंच जाता है। तापमान में इतनी भिन्नताएं, रेडिएशन जैसे प्रतिकूल माहौल में यह जीवित रहने में असफल रहा।
- गौरतलब है कि चीन का चांग’ए-4 लैंडर 3 जनवरी, 2019 को चीन के डार्क साइड पर ऐतिहासिक कदम रखा था। यह चंद्रमा के वॉन कारमान क्रेटर पर उतरा था। इसका युतु-2 रोवर उतरते ही अपना शोध शुरु कर दिया था।
- चांग’ए 4 के साथ छह प्रजातियों को भेजा गया था। ये प्रजातियां थींः आलू, यीस्ट, अरेबिडोप्सिस, फल मक्खी, कॉटन व कैनोला। चीन की योजना वहां छोटा पारितंत्र बनाने की थी। इसके माध्यम से चीनी वैज्ञानिक यह जानने का प्रयास कर रहे थे चंद्रमा के वातावरण में पौधें एवं जंतु किस तरह अंतर-क्रिया करते हैं। यदि प्रयोग सफल रहता तो भविष्य में चंद्रमा पर जाने वाले अंतरिक्षयात्री खुद से सब्जी उगा पाते। कॉटन के पौधे के सूखने के साथ ही चीन अपने इस पारितंत्र सृजन मिशन में असफल रहा।