उमाशंकर मिश्र (Twitter handle : @usm_1984 )
नई दिल्ली, 18 फरवरी (इंडिया साइंस वायर): इस वर्ष भारतीय विज्ञान कांग्रेस में चर्चा का एक प्रमुख विषय यह था कि विश्व स्तर पर विज्ञान और इंजीनियरिंग में शोध पत्रों के प्रकाशन में भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। हाल में जारी एक नई रैंकिंग में अब वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर) को भारत में सर्वाधिक शोध प्रकाशनों के लिए शीर्ष स्थान मिला है। नेचर रैंकिंग इंडेक्स-2020 में सीएसआईआर को पहले और भारतीय विज्ञान संस्थान(आईआईएससी), बंगलूरू को दूसरे स्थान पर रखा गया है।
सीएसआईआर और आईआईएससी के अलावा देश के जिन शीर्ष दस संस्थानों को इस रैंकिंग में स्थान मिला है, उनमें टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान, मुंबई, होमी भाभा राष्ट्रीय संस्थान, मुंबई, आईआईटी-बॉम्बे, आईआईटी-मद्रास, इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साइंस, कोलकाता, भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, कोलकाता, आईआईटी, गुवाहाटी और भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, पुणे शामिल हैं।
यह रैंकिंग भारत के विभिन्न शोध संस्थानों में 01 दिसंबर 2018 से 30 नवंबर 2019 के बीच कुल अनुसंधान के आधार पर की गई है। विज्ञान के जिन विषयों पर सबसे अधिक शोध प्रकाशन हुए हैं, उनमें पृथ्वी एवं पर्यावरण विज्ञान, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीवन विज्ञान शामिल हैं। यह रैंकिंग मशहूर शोध प्रकाशन समूह नेचर द्वारा जारी की गई है, जिसमें देशभर के 100 शीर्ष संस्थानों को शामिल किया गया है।
देशभर में सीएसआईआर की 38 प्रयोगशालाओं में करीब 4600 वैज्ञानिक सक्रिय रूप से करते हैं, जिन्हें लगभग 8000 वैज्ञानिक एवं तकनीकी कार्मिकों की सहायता प्राप्त है। यह संस्थान रेडियो और अंतरिक्ष भौतिकी, महासागर विज्ञान, भू-भौतिकी, रसायन, औषधि, जीनोमिकी, जैव प्रौद्योगिकी, नैनो प्रौद्योगिकी, खनन, वैमानिकी, उपकरण निर्माण, पर्यावरणीय इंजीनियरिंग तथा सूचना प्रौद्योगिकी समेत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न विषयों व क्षेत्रों में कार्य कर रहा है। सीएसआईआर प्रतिवर्ष औसतन लगभग 200 भारतीय पेटेंट और 250 विदेशी पेटेंट फाइल करता है।
सीएसआईआर सोसायटी की हाल में आयोजित एक बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संस्थान के कार्यों की सराहना करते हुए वैज्ञानिकों को 5जी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जल संरक्षण, किसानों की समृद्धि से लेकर कुपोषण और नवीकरणीय ऊर्जा भंडारण के लिए सस्ती एवं टिकाऊ बैटरी के निर्माण जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया है।सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी. मांडे ने इस संस्थान की उपलब्धियों पर खुशी व्यक्त करते हुए अपने ट्वीट लिखा है कि लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए सीएसआईआर के वैज्ञानिक हमेशा तत्पर हैं।
वर्ष 2018 में 1.35 लाख से अधिक शोध प्रकाशनों के साथ भारत वैश्विक स्तर पर चीन और अमेरिका के बाद तीसरे स्थान पर था। बताया जाता है किइस वृद्धि में कई कारकों ने योगदान दिया है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि वैज्ञानिक संस्थानों ने अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है। (इंडिया साइंस वायर)