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- जापान एवं यूरोपीय संघ का बेपीकोलंबको (BepiColombo) संयुक्त उपग्रह मिशन 19 अक्टूबर, 2018 को बुध ग्रह का अध्ययन करने के लिए फ्रेंच गुयाना के कौरू से एरियन रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया।
- इसमें संयुक्त रूप से दो उपग्रह प्रक्षेपित किए गए हैं जिनमें एक जापान का जबकि दूसरा यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का है।
- सात वर्षों की यात्रा के पश्चात यह वर्ष 2025 में बुध ग्रह पर पहुंचेगा। वहां पहुंचने के पश्चात ये दोनों उपग्रह अलग हो जाएंगे और बुध ग्रह का अध्ययन करेंगे।
- इस मिशन में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का ‘मर्करी प्लैनेटरी ऑर्बिटर’ (Mercury Planetary Orbiter: MPO) तथा जापान का मर्करी मैग्नेटोस्फेयरिक ऑर्बिटर (Mercury Magnetospheric Orbiter: MMO) की अलग-अलग भूमिका होगी।
- बुध ग्रह का अध्ययन करने के लिए यह तीसरा मिशन है। 1970 के दशक के नासा के मैरिनर व 2004 में नासा के मैसेंजर के पश्चात पहला मर्करी मिशन है।
- बेपी मिशन बुध की कक्षा में महज कुछ महीनों में ही पहुंच सकता था परंतु इसकी अधिक गति इसे सूर्य के गुरुत्वाकर्षण में फंसा देगा जिससे यह बुध ग्रह के पास नहीं रूक सकता। इसलिए यह वृत्तीय पथ से यात्रा करेगा।
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Photo Credit: Space.com