- खगोलविदों ने पृथ्वी के तीन गुना से अधिक द्रव्यमान के साथ एक जमे हुए ग्रह की खोज की है।
- यह केवल छह प्रकाश-वर्ष दूर स्टार की कक्षा का चक्कर लगा रहा है।
- लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, संभवतः यह चट्टानी ग्रह, जिसे ‘बर्नार्ड स्टार बी’ (Barnard’s star b) के नाम से जाना जाता है, एक ‘सुपर-अर्थ’ (super-Earth) है और हर 233 दिनों में एक बार अपने मेजबान सूर्य के चारों ओर चक्कर लगा लेता है।
- नेचर पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्ष, यह दर्शाता है कि यह ग्रह अपने सूर्य की ‘बर्फ रेखा’ (‘snow line) के नाम से जाना जाने वाला क्षेत्र से दूर है, जो कि रहने योग्य क्षेत्र से परे है जिसमें तरल पानी, और संभवतः जीवन मौजूद होता है।
- ग्रह की सतह का तापमान लगभग -170 डिग्री सेल्सियस होने का अनुमान है। हालांकि, अगर ग्रह में पर्याप्त वातावरण है तो तापमान अधिक हो सकता है और परिस्थितियां अधिक अनुकूल हो सकती हैं।
- ग्रह शायद अपने सूर्य द्वारा मंद रूप से प्रकाशित किया जाता है और शनि से थोड़ा ठंडा है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह एक बर्फीले रेगिस्तान है जिसमें कोई तरल पानी नहीं है, यहाँ प्रतिकूल वातावरण है जहां सतह का औसत तापमान शून्य से 274 डिग्री फारेनहाइट है।
- बर्नार्ड का तारा खगोलविदों और एक्सोप्लेनेट वैज्ञानिकों के बीच एक अलोकप्रिय वस्तु है, क्योंकि यह उन पहले तारों में से एक था जहां प्रारंभ में ग्रहों के बारे में दावा किया गया था लेकिन बाद में गलत साबित हुआ।
- लगभग छह प्रकाश-वर्ष दूर बर्नार्ड का स्टार, अल्फा सेंचुरी ट्रिपल सिस्टम के बाद सूर्य का सबसे नजदीकी तारा है।
- यह एक मद्धिम, कम द्रव्यमान वाला तारा है जिसे लाल बौना कहा जाता है। लाल बौने को एक्सोप्लेनेट के लिए सबसे अच्छे स्थान माना जाता है, जो हमारे सौर मंडल के बाहर के ग्रह हैं।
- बर्नार्ड का तारा बी हमारे सूर्य से दूसरा सबसे निकट ज्ञात एक्सोप्लेनेट है। सबसे निकटतम – प्रॉक्सीमा बी – पृथ्वी से चार प्रकाश-वर्ष दूर है और लाल बौने प्रॉक्सिमा सेंचुरी के चारों ओर चक्कर लगाता है।
- शोधकर्ताओं ने अवलोकन के दौरान रेडियल वेग विधि (radial velocity method) का उपयोग किया जिसके कारण बर्नार्ड स्टार बी की खोज हुई।