- लगातार परिचालन का रिकॉर्ड: कैगा जेनेटिंग स्टेशन (केजीएस) की यूनिट-1 ने 10 दिसंबर 2018 को 941 दिनों का लगातार परिचालन दर्ज किया और इसके साथ ही इस इकाई ने ब्रिटेन की हेशैमहेशैम-2 यूनिट-8 (610 मेगावॉट एजीआर) के 940 दिनों के लगातार परिचालन का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इससे पता चलता है कि पीएचडब्ल्यूआर की परमाणु बिजली उत्पादन प्रौद्योगिकी में राष्ट्र की क्षमता अब पूरी तरह प्रौढ़ हो चुकी है। यह डिजाइन, निर्माण, सुरक्षा, गुणवत्ता और परिचालन एवं रखरखाव में एनपीसीआईएल की उत्कृष्टता का प्रमाण है।
- गुजरात के काकरापार और राजस्थान में स्थापित होने वाले 700 मेगावॉट क्षमता के प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टरों के निर्माण की अब अच्छी प्रगति है। एक रिएक्टर 2018 के अंत तक क्रिटिकल हो सकता है और उसके बाद हर साल एक रिएक्टर क्रिटिकल होगा।
- गुजरात के काकरापार परमाणु बिजली संयंत्र यूनिट-2 में नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण कार्यों जैसे एन मैसी कूलैंट चैनल रीप्लेसमेंट (ईएमसीसीआर) और एन मैसी फीडर रीप्लेसमेंट (ईएमएफआर) एवं अन्य सुरक्षा उन्नयन के पूरा होने के बाद परिचालन निर्धारित समय से साढ़े तीन महीने पहले सितंबर 2018 में सुचारू कर दिया गया।
- मार्च 2018 में फास्ट ब्रीडर टेस्ट रिएक्टर (एफबीटीआर) का परिचालन 30 मेगावॉट क्षमता के साथ शुरू किया गया जो उसके इतिहास का एक प्रमुख पड़ाव है। इसके टर्बो जेनेरेटर को ग्रिड के साथ सिंक्रोनाइज्ड किया गया है जो 6.1 मेगावॉट बिजली की आपूर्ति करता है।
- एपीएसएआरए(यू) एक नवीनीकृत स्वीमिंग पूल टाइप रिएक्टर है जिसका परिचालन सितंबर 2018 में ट्रॉम्बे में शुरू हो गया। इस रिएक्टर को विभिन्न तरह के आइसोटोप के उत्पादन के लिए डिजाइन किया गया है और यह परमाणु भौतिकविदों, पदार्थ वैज्ञानिकों एवं रिएक्टर डिजाइनरों को अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराता है। यह प्रौद्योगिकी परमाणु क्षेत्र के नवागंतुकों को साझा की जाती है।
- साइक्लोन-30 भारत का सबसे बड़ा चिकित्सा साइक्लोट्रन है जो 30 एमईवी बीम डिलिवर करता है। यह साइक्लोट्रन पूरे पूर्वी भारत की रेडियोआइसोटोप की जरूरतों को पूरा करने में समर्थ है। साथ ही यह पूरे देश के लिए प्लैडियम 103 और जरमैनियम 68 की जरूरतों को भी पूरा करने में सक्षम है। इस संयंत्र में पदार्थ विज्ञान एवं परमाणु भौतिकी में अनुसंधान के लिए समर्पित बीम लाइन भी मौजूद है।
- कैंसर के निदान एवं उपचार के लिए 21 रेडियोफार्मास्युटिकल्स के साथ सस्ती एवं प्रभावी दवाओं का विकास और दो रेडियोन्यूक्लाइड जेनेरेटर विकसित किए गए हैं।
- न्यूट्रिनो भौतिकी के क्षेत्र में डीएई ने अमेरिका के फर्मिलैब के साथ अंतर- सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए। अप्रैल 2018 में अमेरिकी सेक्रेटरी ऑफ एनर्जी के भारत दौरे के दौरान इन समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
- ईपीआर प्रौद्योगिकी के छह परमाणु रिएक्टर स्थापित करने के लिए मार्च 2018 में भारत के एनपीसीआईएल और फ्रांस के ईडीएफ के बीच इंडस्ट्रियल वे फॉरवार्ड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए।
- फरवरी 2018 में भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग और कनाडा के डिपार्टमेंट ऑफ नैचुरल रिसोर्सेज के बीच परमाणु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और नवाचार पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
- मार्च 2018 में वियतनाम के वीनाटोम के साथ प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।