- बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री आर के सिंह के अनुसार (लोक सभा में सवाल के लिखित जवाब ) केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट की नवीनीकरणीय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें सौर ऊर्जा से 100 गीगावाट, हवा से 60 गीगावाट, जैविक विद्युत से 10 गीगावाट और जल विद्युत से 5 गीगावाट शामिल है।
- वर्ष 2022 तक दिल्ली-एनसीआर सहित देश भर में घर की छतों पर 40 गीगावाट सौर क्षमता का ग्रिड स्थारित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार द्वारा अधिसूचित दिल्ली सौर नीति, 2016 के अनुसार, 2020 तक एक गीगावाट क्षमता की सौर बिजली और 2025 तक 2 गीगावाट क्षमता की सौर बिजली स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है।
- शहरी विकास मंत्रालय ने 2014 में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अनिवार्य तौर पर इमारतों की छतों पर सौर विद्युत के उत्पादन के लिए सभी राज्यों को दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया था। मंत्रालय ने स्थानीय निकायों को भी उनके अधिकार क्षेत्र में इमारत नियमों में ऐसे ही प्रावधान शुरू करने का आग्रह किया था, ताकि सभी तरह की इमारतों की छतों पर रूफटॉप सिस्टम्स (आरटीएस) की स्थापना हो सके। शहरी विकास मंत्रालय ने आदर्श भवन उपनियम, 2016 भी जारी किया जिसमें इमारतों पर आरटीएस स्थापना के उचित प्रावधान शामिल किया गए। 4 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों – हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ ने विभिन्न वर्गों की इमारतों पर आरटीएस स्थापित करने के लिए सूचना पहले ही जारी कर दी है।
- सौर विद्युत परियोजनाओं के कैपेसिटी यूटीलाइडेशन फैक्टर (सीयूएफ) तापीय, जल, परमाणु, हवा और जैव ईंधन परियोजनाओं से कम हैं। सरकार देश में समय-समय पर सौर ऊर्जा सहित नवीकरणीय ऊर्जा के विकास और प्रोत्साहन के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की है। सरकार विभिन्न वित्तीय और प्रोत्साहन इंसेंटिव के जरिये देश में सौर ऊर्जा के विकास को बढ़ावा दे रही है।