मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने 20 फरवरी, 2019 को टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने के लिए देश में गुणवत्तपूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड (Operation Digital Board) की शुरूआत की है।
- श्री प्रकाश जावड़ेकर के अनुसार ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड एक क्रांतिकारी कदम है, जो अध्ययन के साथ-साथ अध्यापन की प्रक्रिया को संवादमूलक बनाएगा तथा शिक्षा-विज्ञान संबंधी दृष्टिकोण के रूप में अध्ययन को लोकप्रिय बनाएगा।
- डिजिटल बोर्ड देशभर के सरकारी और सरकारीसहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 9 से लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों में शुरू किया जाएगा। यह प्रक्रिया 2019 के आगामी सत्र से शुरू हो जाएगी।
ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड का उद्देश्य
- ओडीबी का उद्देश्य कक्षा को डिजिटल क्लास रूम में बदलना है और साथ ही छात्रों को किसी भी स्थान पर किसी भी समय ई-संसाधन उपलब्ध कराना है। इससे व्यक्तिगत अनुकूलनीय ज्ञान के साथ-साथ मशीन ज्ञान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा अनेलेटिक्स जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का दोहन करके कुशल अध्यापन का प्रावधान करने में मदद मिलेगी। एक विशेषज्ञ समिति ने ओडीबी के अंतर्गत डिजिटल क्लास रूम के अधिकतम विन्यास तैयार कर लिया है।
- उच्च शिक्षण संस्थानों में ओडीबी के लिए यूजीसी कार्यान्वयन एजेंसी होगी। यूजीसी ने अपनी 29 जनवरी, 2019 को बैठक में 2022 तक देश के प्रत्येक क्लास रूम में डिजिटल शिक्षाका विस्तार करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था। यह अनुमान लगाया गया कि संस्थानों में 5 लाख क्लास रूम होंगे जिन्हें केंद्र अथवा राज्य सरकारों द्वारा सहायता दी जाएगी।
- श्री जावड़ेकर के अनुसार मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए ई-पाठशाला, दीक्षा, एनआरओईआर, एनपीटीईएल, ई-पीजीपाठशाला स्वयं और स्वयं प्रभा डीटीएच चैनल आदि ने उच्च गुणवत्ता की पर्याप्त सामग्री प्रदान की है जिसे प्रत्येक कक्षा तक ले जाया जा सकता है। इस प्रकार के शैक्षणिक हस्तक्षेप से अध्यापन का स्तर बेहतर हो सकता है चाहे स्कूल और कॉलेज/संस्थान कहीं भी हो इस तरह के प्रौद्योगिकी आधारित ज्ञान से देश भर के अध्यापकों को प्रेरणा मिल सकती है और वे अपना अध्यापन के स्तर बेहतर कर सकते हैं।