प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 25 दिसंबर 2019 को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर वाजपेयी जी के नाम पर रोहतांग दर्रे के नीचे रणनीतिक सुरंग का नाम रखा।
रोहतांग दर्रे के नीचे एक रणनीतिक सुरंग बनाने का ऐतिहासिक निर्णय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लिया गया था।
8.8 किलोमीटर लंबी यह सुरंग समुद्र तल से 3,000 मीटर की ऊंचाई पर विश्व की सबसे लंबी सुरंग है।
यह मनाली और लेह के बीच की दूरी में 46 किलोमीटर की कमी करेगी और परिवहन लागतों में करोड़ों रुपये की बचत करेगी।
यह 10.5 मीटर चौड़ी सिंगल ट्यूब बाइ-लेन सुरंग है, जिसमें एक अग्निरोधी आपातकालीन सुरंग मुख्य सुरंग में ही निर्मित है।
दोनों सिराओं पर सफलता 15 अक्टूबर, 2017 को ही अर्जित कर ली गई थी।
यह सुरंग पूरी होने वाली है और हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के सुदूर सीमावर्ती क्षेत्रों को सदैव कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने की दिशा में एक कदम है, जो अन्यथा शीत ऋतु के दौरान लगभग 6 महीने तक लगातार शेष देश से कटे रहते थे।