तेलंगाना के रमेश चेन्नामनेनी की भारत की नागरिकता क्यों रद्द कर दी गई?

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तरी तेलंगाना के वेमुलावडा के टीआरएस पार्टी के विधायक रमेश चेन्नामनेनी की भारत की नागरिकता ‘भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955’ के उल्लंघन के आधार पर रद्द कर दी है।

भारतीय स्वतंत्रता सेनानी के पुत्र श्री रमेश वर्ष 1993 से जर्मनी के नागरिक रहे हैं तथा उन्होंने 2009 में भारत की नागरिकता हासिल की। तब से वह भारतीय राजनीति में सक्रिय है।

करीमनगर के कांग्रेसी नेता आदि श्रीनवासी ने उनकी नागरिकता को चुनौती और इसकी समीक्षा की मांग की। भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 5(1)(एफ) के अनुसार कोई व्यक्ति भारत की नागरिकता हासिल कर सकता है यदि वह या उसके माता-पिता पहले भारत के नागरिक रहे हों तथा पिछले 12 महीनें से वह भारत में रह रहा हो। इसी एक्ट की धारा 10(2) के तहत भारत सरकार किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता से वंचित भी कर सकता है।

श्री रमेश ने 31 मार्च, 2008 को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन दिया था। भारत सरकार के मुताबिक उन्होंने नागरिकता देने हेतु आवेदन देते समय इसका उल्लेख नहीं किया कि वे पिछले 12 महीने भारत में रहे हैं।

उन पर आरोप है कि उन्होंने इस अवधि में कई बार जर्मनी का दौरा किया। वहीं श्री रमेश का कहना है कि जिस समय उन्होंने नागरिकता हेतु आवेदन दिया उस समय कानून में स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं था कि उन्हें 12 महीनों तक निरंतर भारत में रहना है।

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