क्या है कार्य आवंटन नियम 1961 का नियम 12?


केंद्र सरकार ने 23 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की समाप्ति के लिए प्रधानमंत्री को ‘कार्य आवंटन नियम 1961’ का नियम संख्या 12 ( Government of India (Transaction of Business) Rules, 1961 ) के तहत प्रदत विशेष शक्ति का इस्तेमाल किया।

सामान्य नियमों के तहत राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने तथा समाप्ति के लिए केंद्रीय कैबिनेट की बैठक जरूरी होती है औरउसके पश्चात राष्ट्रपति के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाता है।

12 नवंबर, 2019 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने जाने से तुरंत पहले कैबिनेट की बैठक बुलाकर राष्ट्रपति शासन का निर्णय लिया गया परंतु 23 नवंबर, 2019 को सुबह में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन समाप्ति के लिए कैबिनेट की बैठक नहीं बुलायी गई और नियम 12 के तहत प्रधानमंत्री ने अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए इस प्रस्ताव को राष्ट्रपति को भेजा और फिर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन समाप्त किया गया।

क्या है नियम 12?

किसी मामले में अति गंभीर स्थिति या अप्रत्याशित आकस्मिकता की स्थिति में भारत सरकार (कार्य आवंटन) नियम 1961 का नियम 12 प्रधानमंत्री को समान्य कार्य नियमों से भटकाव की अनुमति प्रदान करता है, जिस हद तक जरूरी हो।

ऐसी परिस्थिति में परीक्षण तथा अंतर-मंत्रालयी परामर्श का अनुपालन जरूरी है। नियम 12 के तहत सभी मामले कैबिनेट सचिव के माध्यम से आना चाहिए और इसे सीधे प्रधानमंत्री को नहीं भेजा जाना चाहिए।

नियम-12 के तहत प्रदत शक्ति का इस्तेमाल करने के लिए निम्नलिखित मार्गदर्शन का पालन करना होता हैः

  • उपयुक्त प्रस्ताव संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग द्वारा पेश किया जाना चाहिए, जिससे उस विषय का संबंध है।
  • उपर्युक्त प्रस्ताव में नियम-12 की आपदा स्थिति का इस्तेमाल करने के कारणों का भी उल्लेख जरूरी है। अर्थात कौन सी परिस्थितियां हैं जिस कारण से सामान्य कार्य नियमों का अनुपालन नहीं किया गया है, उनका उल्लेख इस प्रस्ताव में जरूरी है।
  • संबंद्ध विभाग/मंत्रालय के सचिव यह सुनिश्चित करेगा कि अंतर-मंत्रालयी परामर्श सहित सभी अनिवार्य आवश्यकताएं पूरी की गईं हैं।
  • विभाग/मंत्रालय के प्रस्ताव को संबंधित मामले के मंत्री से अनुमति के पश्चात इसे कैबिनेट सचिव के पास भेजा जाना चाहिए। यदि इस मामले में फंड इस्तेमाल की बात है तो वित्त मंत्री से भी परामर्श जरूरी है। यदि इस मामले में कोई अन्य विभाग भी संबंधित है तो उस विभाग के मंत्री का भी परामर्श जरूरी है।
  • यदि उस मामले का संबंध प्रधानमंत्री के अधीन वाले विभागों से संबंधित है तो संबंधित विभाग के सचिव द्वारा इस मामले को कैबिनेट सचिव के माध्यम से भेजना चाहिए।

उपर्युक्त सभी मामलों में जहां नियम 12 का इस्तेमाल किया गया है कैबिनेट का एक्स-फैक्टो अनुमति जरूरी है।

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