- 27 वर्षीय अमेरिकी नागरिक जॉन एलेन चाउ की हत्या अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के सेंटिनेलीज आदिवासी ने कर दी। उन्हें 16 नवंबर, 2018 को जिंदा देखा गया था।
- उल्लेखनीय है कि लंबे समय से उत्तरी सेंटिनल आइलैंड, जहां सेंटिनेलीज आदिवासी रहते हैं, भारतीय नागरिकों एवं विदेशी नागरिकों के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र रहा है।
- ये आदिवासी बाहरी दुनिया से संपर्क नहीं रखना चाहते।
- हालांकि अगस्त 2018 के प्रथम सप्ताह में अंडमान-निकोबार में पर्यटन को बढ़ावा देकर वहां की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भारत सरकार ने अंडमान के 29 द्वीपों पर से ‘प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट’ (Restricted Area Permit (RAP) हटा दिया था। विदेशी नागरिकों को 31 दिसंबर, 2022 तक इन 29 द्वीपों में जाने के लिए आरएपी की जरूरत नहीं थी।
- एक मछुआरे की सहायता से जॉन एलेन उस क्षेत्र में प्रवेश किए थे। अपने साथ वे बाइबल भी ले गए थे। संभवतः वे सेंटिलेनिज को इसाई धर्म की दीक्षा देना चाहते थे। इस क्षेत्र में प्रवेश करते ही उन पर आदिवासियों ने तीर-धनुष से वार किया। ये आदिवासी पहले भी उनके क्षेत्र में प्रवेश करने वाले कई लोगों की हत्या कर चुके हैं।
- ध्यातव्य है कि सेंटिलेनिज सहित ग्रेट अंडमानी, जारवा, ओंगे, शॉपमेन एवं निकोबारी आदिवासियों को अंडमान-निकोबार द्वीप (मूल आदिवासियों की सुरक्षा) रेगुलेशन एक्ट 1956 (Andaman and Nicobar Islands (Protection of Aboriginal Tribes) Regulation Act, 1956) के तहत संरक्षण प्राप्त है। वे अफ्रीका से प्रवास करने वाले आदि मानव के वंशज हैं।