- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अन्य पिछड़ा वर्गों के उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच के लिए आयोग का कार्यकाल 31 जुलाई, 2019 से 2 महीने आगे बढ़ाने के लिए कार्योत्तर स्वीकृति दी है। आयोग के कार्यकाल में यह छठा विस्तार है। कार्यकाल 31 मई, 2019 को समाप्त हो गया है।
- आयोग कार्यकाल में दिए गए विस्तार से विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के आधार पर केंद्रीय सूची में अन्य पिछड़ा वर्गों के उप-वर्गीकरण के मुद्दे का मूल्यांकन करने में समर्थ होगा। इससे आयोग को इस मुद्दे पर अपनी व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने में मदद मिलेगी।
आयोग की पृष्ठभूमि
- इस आयोग का संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत राष्ट्रपति की मंजूरी से 2 अक्टूबर, 2017 को गठन किया गया था। जस्टिस (सेवानिवृत्त) श्रीमती जी. रोहिणी की अध्यक्षता में आयोग ने अक्टूबर, 2017 में कार्य शुरू किया था।
- तभी से आयोग अन्य पिछड़ा वर्गों का उप-वर्गीकरण करने वाले सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोगों के साथ विचार-विमर्श कर रहा है।
- आयोग का मत है कि आयोग द्वारा पूर्व मे जारी विचार-विमर्श दस्तावेजों के संबंध में प्राप्त प्रतिक्रिया को देखते हुए राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के साथ व्यापक परामर्श करना उचित होगा। यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि किसी भी समुदाय को निहायत अवांछनीय स्थिति में न रखा जाए। इसके लिए इस प्रक्रिया में कुछ महीनों का समय लगने की संभावना है।
- इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए आयोग ने 31 जुलाई, 2019 तक दो महीने के कार्यकाल विस्तार की मांग की थी, जिसे मंजूरी दे दी गई है।