प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 12 फरवरी, 2019 को स्वच्छ भारत जन आंदोलन की अगुवाई करने के लिए महिलाओं के योगदान की सराहना की। प्रधानमंत्री कुरुक्षेत्र में स्वच्छ शक्ति 2019 सम्मेलन में भाग लेने आई देश भर की 16000 महिला स्वच्छता चैम्पियनों को संबोधित कर रहे थे।
स्वच्छ शक्ति -2019
- स्वच्छ शक्ति -2019 एक राष्ट्रीय आयोजन है, जिसका उद्देश्य स्वच्छ भारत मिशन में ग्रामीण महिलाओं द्वारा निभाई गई नेतृत्वकारी भूमिका पर प्रकाश डालना है। पूरे देश की महिला सरपंच और पंच इस कार्यक्रम में शामिल होंगी। इस वर्ष महिलाओं के सशक्तिकरण के उद्देश्य से लगभग 15,000 महिलाओं के स्वच्छ शक्ति कार्यक्रम में भाग लेने की उम्मीद है।
- पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय, हरियाणा सरकार के साथ मिलकर स्वच्छ शक्ति 2019 का आयोजन कर रहा है। स्वच्छ भारत के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर अपनायी गयी बेहतरीन पद्धतियों को इसमें महिला सरपंचों द्वारा साझा किया जाएगा। इस कार्यक्रम में स्वच्छ भारत की उपलब्धियों और हाल ही में आयोजित स्वच्छ सुंदर शौचालय, (स्वच्छ और स्वच्छ शौचालय) जो कि विश्व में अपनी तरह का एक अनूठा अभियान है का भी पहली बार इसमें प्रदर्शन किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2017 में गुजरात के गांधीनगर से स्वच्छ शक्ति कार्यक्रम का आगाज किया था। महिला दिवस के अवसर पर स्वच्छ शक्ति के बैनर तले देशभर से 6 हजार महिला संरपंच इसमें शामिल हुयी थीं। प्रधानमंत्री ने उन्हें संबोधित और सम्मानित किया था।
- दूसरा स्वच्छ शक्ति सम्मेलन 2018 उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आयोजित हुआ था। इसमें 8 हजार महिला सरपंच, 3 हजार महिला स्वच्छाग्रही तथा देशभर में विभिन्न क्षेत्रों से आयी महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया था। स्वच्छ भारत अभियान के क्षेत्र में किए गए सराहानीय कार्यों के लिए इन महिलाओं को सम्मानित किया गया था। अब तीसरा स्वच्छ शक्ति सम्मेलन कुरुक्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है।
- स्वच्छ शक्ति इस बात का एक नायाब उदाहरण है कि किस तरह ग्रामीण महिलाएं जमीनी स्तर पर स्वच्छ भारत के लिए काम कर रही हैं और इसके लिए सामुदायिक चेतना का माध्यम बन रही हैं। यह अभियान स्वच्छ भारत मिशन के तहत संचालित गतिविधियों का हिस्सा है।
- प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को की थी। इसका मुख्य उद्देश्य 2 अक्टूबर 2019 तक भारत को पूरी तरह स्वच्छ बनाना और खुले में शौच से मुक्त करना है।