- नीति आयोग ने 26 दिसंबर, 2018 को आकांक्षी जिलों के लिए दूसरी डेल्टा रैंकिंग जारी की जिसके तहत 1 जून, 2018 से लेकर 31 अक्टूबर, 2018 के बीच स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेश, कौशल विकास और मूल बुनियादी ढांचे से जुड़े छह विकास क्षेत्रों में इन जिलों द्वारा की गई प्रगति को मापा गया है।
- ‘परिवारों के बीच कराए गए सर्वेक्षणों’ के मान्य डेटा रैंकिंग में शामिल किए गए हैं। ये सर्वेक्षण नीति आयोग के ज्ञान साझेदारों जैसे कि टाटा ट्रस्ट्स और बिल एंड मेलिंदा गेट्स फाउंडेशन (आईडीइनसाइट) द्वारा कराए गए हैं। ये सर्वेक्षण जून माह के दौरान सभी आकांक्षी जिलों में कराए गए जिनके तहत 1,00,000 से भी अधिक परिवारों को कवर किया गया।
- समग्र रैंकिंग में सर्वाधिक बेहतरी दर्शाने वाले जिले निम्नलिखित हैं :
रैंक | जिला | राज्य |
1 | विरुधुनगर | तमिलनाडु |
2 | नुआपाड़ा | ओडिशा |
3 | सिद्धार्थनगर | उत्तर प्रदेश |
4 | औरंगाबाद | बिहार |
5 | कोरापुट | ओडिशा |
- दूसरी डेल्टा रैंकिंग में जून-अक्टूबर 2018 के दौरान सबसे कम बेहतरी दर्शाने वाले निम्नलिखित जिलों का भी विवरण दिया गया है :
रैंक | जिला | राज्य |
107 | किफायर | नगालैंड |
108 | गिरिडीह | झारखंड |
109 | चतरा | झारखंड |
110 | हैलाकांडी | असम |
111 | पाकुड़ | झारखंड |
- जिन जिलों ने जून और अक्टूबर 2018 के बीच बड़ी पहल की है और अपने-अपने स्कोर में गुणात्मक छलांग लगाई है उन्हें ‘फास्ट मूवर्स’ की संज्ञा दी गई है :
जिला, राज्य | जून 2018 | अक्टूबर 2018 |
कुपवाड़ा, जम्मू-कश्मीर | 108 | 7 |
रांची, झारखंड | 106 | 10 |
सिद्धार्थनगर, उत्तर प्रदेश | 103 | 3 |
जमुई, बिहार | 99 | 9 |
फतेहपुर, उत्तर प्रदेश | 82 | 25 |