सर्वोच्च न्यायालय ने 7 फ़रवरी 2020 को सबरीमला मंदिर में भगवान अयप्पा के आभूषणों की सूची और मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करने के लिए केरल के उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सी. एन. रामचंद्रन नायर को नियुक्त किया है।
सबरीमाला मंदिर के पवित्र आभूषणों के संरक्षक पंडालम शाही परिवार में आंतरिक कलह और मुकदमेबाजी पर संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने केरल सरकार से आभूषणों की सुरक्षा के उपाय सुझाने को कहा था। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि ये आभूषण किसी परिवार के नहीं बल्कि भगवान अयप्पा के हैं। वह विवाद के निपटारे तक आभूषणों को कस्टडी में रखने के लिए किसी जिम्मेदार व्यक्ति को नियुक्त कर सकती है।
न्यायाधीश एन०वी० रामना, अजय रस्तोगी और वी०रामा सुब्रमण्यन की पीठ ने केरल सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल से अनुरोध किया कि वे राज-परिवार के विभिन्न गुटों के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए अपना योगदान दें।
उल्लेखनीय है की भगवान अयप्पा के पवित्र आभूषणों को थंका आंकी की कहा जाता है.
न्यायालय ने सबरीमला मंदिर प्रशासन पर एक मसौदा तैयार करने के लिए राज्य सरकार को और चार सप्ताह का समय दिया है।