संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्माके अनुसार ‘मौसम’ परियोजना (Project ‘Mausam’) के लिए 6,00,39,297 रुपये (अर्थात वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 2,80,95,532 रुपये और वित्त 2019-20 के लिए 3,19,43,765 रुपये) की धनराशि अनुमोदित एवं आवंटित की गई है। वर्ष 2017-18 के साथ-साथ वर्ष 2018-19 के पहले तीन महीनों के दौरान परियोजना के लिए व्यय राशि 16,75,614 रुपये है।
मौसम’ परियोजना
- ‘मौसम’ परियोजना को संस्कृति मंत्रालय की पहल पर सह-सदस्य के रूप में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) और राष्ट्रीय संग्रहालय की अनुसंधान सहायता से प्रमुख एजेंसी के रूप में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा क्रियान्वित किया जाना है।
- इस परियोजना का उद्देश्य हिंद महासागर में परस्पर सांस्कृतिक, वाणिज्यिक और धार्मिक संबंधों की विभिन्नता के प्रलेखन के लिए पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक अनुसंधान का परितुलन करते हुए बहुआयामी हिंद महासागर ‘विश्व’ की खोज करना है।
- परियोजना का मुख्य उद्देश्य ‘मौसम’ परियोजना के अंतर्गत चिन्हित स्थानों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के लिए परा-राष्ट्रीय नामांकन के रूप में शामिल करना है।
- वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 के लिए कार्य योजना शुरू कर दी गई है जिसमें यूनेस्को मुख्यालय में अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला, समारोह का आयोजन करना, वेब प्लेटफॉर्म का सृजन, क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा सीमापार नामांकन के लिए अस्थायी सूची बनाना जैसे कतिपय कार्यकलाप शामिल हैं।