- हाल में जारी अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार मामला तथा बाद में बनें कानूनों के पश्चात बलात्कार के मामलों की रिपोर्टिंग में बढ़ोतरी हुयी है। हालांकि रिपोर्टिंग के पैटर्न में भिन्नता है। मसलन् दिल्ली के आसपास रिपोर्टिंग अधिक है जबकि उससे दूर होते क्षेत्र में बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज करने की संख्या में कमी होती गई है।
- अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा, पंजाब एवं राजस्थान में बलात्कार के अत्यधिक मामले दर्ज किए गए।
- नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के डाटा के आधार पर यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के लैंगिक समानता व स्वास्थ्य केंद्र द्वारा किए गए विश्लेषण के अनुसार निर्भया मामला का बलात्कार की घटनाओं की रिपोर्टिंग में खासा बढ़ोतरी हुयी है। परंतु दिल्ली से प्रत्येक 100 किलोमीटर की दूरी पर बलात्कार के मामले में कमी (प्रत्येक 100,000 महिलाओं पर 0.16 की कमी) आती गई है।
जिलावार विश्लेषण से पता चलता है कि बलात्कार के मामलों के दर्ज होने में महिला पुलिस स्टेशन, लिंगानुपात व साक्षरता दर जैसे कारकों का प्रभाव है। - परंतु यह अध्ययन रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि वर्ष 2013 से 2016 के बीच प्रत्येक 100,000 महिलाओं पर बलात्कार के मामलों की रिपोर्टिंग में 1.4 की बढ़ोतरी हुयी है जो वर्ष 2005 से 2012 की अवधि की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है।
- यह अध्ययन यह भी कहता है कि जिन जिलों में ‘केवल महिलाएं पुलिसकर्मियों वाले पुलिस स्टेशन हैं वहां बलात्कार मामला की रिपोर्टिंग में मामूली बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार इसकी वजह यह हो सकती है कि ऐसे पुलिस स्टेशनों में पहले से ही मामला दर्ज हो रहा होगा।
- बलात्कार मामला की रिपोर्टिंग में बढ़ोतरी में मीडिया की भूमिका को भी कारक बताया गया है। टीवी वाले घरों की संख्या में प्रत्येक 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर रिपोर्टिंग में 0.3 की बढ़ोतरी हुयी जबकि इंटरनेट में प्रत्येक 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर बलात्कार के मामलों की रिपोर्टिंग में 1.3 की वार्षिक बढ़ोतरी हुयी।