रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कर्नल चेवांग रिनचेन सेतु ( Col Chewang Rinchen Setu ) का 21 अक्टूबर 2019 को उद्घाटन किया । श्योक नदी पर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित पुल पूर्वी लद्दाख में दुरबुक और दौलत बेग ओल्डी को जोड़ता है।
श्री राजनाथ सिंह ने कर्नल चेवांग रिनचेन सेतु को सकारात्मक बदलाव और देश के चहुंमुखी विकास के सरकार के संकल्प का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह सेतु न केवल दुर्ग को दौलत बेग ओल्डी से जोड़ता है, बल्कि लद्दाख की जनता और जम्मू-कश्मीर के सभी अंदरूनी इलाकों को देश के अन्य भागों से जोड़ता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस तरह की पहलों से इस क्षेत्र के लोगों को भारत के विकास की गाथा का हिस्सा बनने का अवसर मिलेगा।
काराकोरम और चांग चेनमो पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित कर्नल चेवांग रिनचेन सेतु 400 मीटर लंबा पुल है, जिसे माइक्रो पाइलिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए करीब 15,000 ऊंट की ऊंचाई पर बनाया गया है। इसका निर्माण 15 महीने के रिकॉर्ड समय में पूरा हुआ है।
कर्नल चेवांग रिनचेनका जन्म लद्दाख क्षेत्र में सुमूर, नूब्रा घाटी में 11 नवम्बर, 1931 को हुआ था। लेह और परतापुर क्षेत्र की रक्षा करने के लिए उनके अदम्य साहस के कारण उन्हें ‘लद्दाख के शेर’ के नाम से जाना जाता था। वह सशस्त्र सेनाओं के उन छह जवानों में से एक है, जिन्हें दूसरा सर्वोच्च भारतीय शौर्य पुरस्कार, महावीर चक्र दो बार प्रदान किया गया।