- रक्षामंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 27 नवंबर, 2018 को नई दिल्ली में औपचारिक रूप से “मिशन रक्षा ज्ञान शक्ति” की शुरूआत की।
- इस कार्यक्रम में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों और आयुध फेक्ट्रियों द्वारा विशेष आविष्कारों तथा नवाचारों को प्रस्तुत किया गया।
- कार्यक्रम में इन उत्पादों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार के तहत सफल आवेदनों का भी परिचय दिया गया। राष्ट्र के लिए उपयोगी उत्पादों के आविष्कार के संबंध में श्रीमती सीतारमण ने कुछ वैज्ञानिकों का भी स्वागत किया। इस अवसर पर एक परिचर्चा का आयोजन भी हुआ, जिसमें सभी रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के अध्यक्ष और महानिदेशकों ने हिस्सा लिया। परिचर्चा में भविष्य के लिए रणनीति पर विचार किया गया।
- रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की मौजूदा पहलों के अंग के रूप में रक्षा उत्पादन विभाग ने “मिशन रक्षा ज्ञान शक्ति” नामक एक नई रूपरेखा शुरू की है।
- इसका उद्देश्य स्वदेशी रक्षा उद्योग में भौतिक संपदा अधिकार संस्कृति ( provide a boost to the IPR culture in indigenous defence industry) को बढ़ावा देना है। गुणता आश्वासन महानिदेशालय को कार्यक्रम के समन्वय और कार्यान्वयन की जिम्मेदारी दी गई है।