- केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 17 सितम्बर, 2018 को जम्मू में भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्मार्ट बाड़ के लिए दो प्रायोगिक परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
- सीमावर्ती राज्यों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए सीमा पर स्मार्ट बाड़ एक तकनीकी समाधान है। जम्मू में भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर प्रायोगिक आधार पर दो परियोजनाएं स्थापित की गई है।
- इस स्मार्ट बाड़ से सीमा पर शहीद हो रहे जवानों की संख्या में कमी आएगी और जवानों में तनाव का स्तर भी बहुत हद तक कम होगा।
- समग्र एकीकृत सीमा प्रबंधन व्यवस्था (सीआईबीएमएस) कार्यक्रम के तहत स्मार्ट सीमा बाड़ परियोजना देश में अपनी तरह की पहली परियोजना है।
- सीमा पर 5.5 किलोमीटर लंबी दूरी की दो सीमा बाड़ परियोजनाओं की निगरानी व्यवस्था तकनीक तौर पर काफी उन्नत है जिससे भूमि, जल और यहां तक की हवा में भी अदृश्य इलेक्ट्रॉनिक बाधाएं लगी हैं। इससे काफी कठिन क्षेत्रों में भी बीएसएफ को खतरे की पहचान करने और घुसपैठ की कोशिशों को रोकने में मदद मिलेगी।
- सीआईबीएमएस निगरानी, संचार और डाटा संग्रहण में बड़ी संख्या में अलग-अलग यंत्रों का इस्तेमाल करता है। बीएसएफ इससे सीमा पर 24 घंटे निगरानी करने में सक्षम होगा चाहे मौसम आंधी-तूफान, कोहरा या बारिश का ही क्यों न हो।
- केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि डिजिटल स्मार्ट बाड़ से हमारी सीमाएं बिल्कुल सुरक्षित होंगी क्योंकि आतंकवादियों के लिए इसका अतिक्रमण करना और सीमा पार से घुसपैठ करना असंभव होगा।
- श्री राजनाथ सिंह के अनुसार 2026 किलोमीटर लंबी सीमा अतिसंवेदनशील है और सीमा पर ऐसे क्षेत्रों की रक्षा के लिए डिजिटल बाड़ प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा।
- स्मार्ट सीमा बाड़ की मदद से सीमाएं सुरक्षित होंगी और जवानों द्वारा पैट्रोलिंग पर निर्भरता कम होगी।