श्री राजनाथ सिंह हल्के लड़ाकू विमान ‘तेजस’ में उड़ान भरने वाले देश के पहले रक्षामंत्री बन गए हैं। उन्होंने 19 सितम्बर 2019 को वेंगलूरु के हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के हवाई हड्डे पर एयर वाईस मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी के साथ स्वदेशी तकनीक से निर्मित बहुद्देश्यीय लड़ाकू विमान ‘तेजस’ में आधे घंटे तक उडान भरी।
- तेजस एक कई खूबियों से लैस एक बहुद्देश्यीय लड़ाकू विमान है। इसने देश की वायुसैनिक क्षमताओं को और मजबूत बनाया है।
तेजस के बारे में
- तेजस भारत में डिजाइन की हुयी, विकसित एवं विनिर्मित प्रथम एडवांस फ्लाइ-बाय-वायर (एफबीडब्ल्यू) एयरक्राफ्ट है।
- इसका विकास एयरोनॉटिकल विकास एजेंसी (एडीए) द्वारा किया गया है जबकि निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने किया है।
- इस मिग-21 के स्थानापन्न हेतु विकसित किया गया है।
- ग्लास कॉकपीट युक्त तेजस चौथी प्लस पीढ़ी का वायुयान है और यह उपग्रह समर्थित अत्याधुनिक नौवहन प्रणाली से लैस है।
- भारतीय लाइट कौम्बैट एयर क्राफ्ट, ‘तेजस ‘ छोटा, हल्का, एक इंजनवाला, एक सीट, सुपरसोनिक और बहुआयामी होने के साथ ही विश्व में अपनी श्रेणी का एक उत्तम युद्धक विमान है।
- इसमें चार गुना डिजिटल, तार युक्त नियंत्रण प्रणाली तथा पर्याप्त सुरक्षा का ध्यान रखा गया है। तेजस के कोकपिट में उत्कृष्ठ श्रेणी के शीशे का उपयोग कर खुलने वाली प्रणाली अपनाई गई है जो पॉयलेट के अनुकूल रहती है।
- तेजस एयर क्राफ्ट के चार भेदों (कौम्बैट चार भेद) लड़ाकू, प्रशिक्षण एवं नेवल भेदों को, स्थल तथा ढोने के लिए विकसित किया जा रहा है। तेजस के लिए प्रारंभिक परिचालन मंजूरी-1 (आईओसी-1) 10 जनवरी 2011 को प्राप्त की गई थी।
- तेजस को भारतीय वायुसेना के ‘45-स्क्वैड्रन’ में 1 जुलाई, 2016 को शामिल किया गया था। इस स्क्वैड्रन को ‘फ्लाइंग डैगर्स’ भी कहा जाता है।