योग-2019 के प्रोत्‍साहन और विकास में उत्‍कृष्‍ट योगदान के लिए प्रधानमंत्री का पुरस्‍कार

  • वर्ष 2019 के लिए योग के प्रोत्‍साहन और विकास के लिए गुजरात के लाईफ मिशन के स्‍वामी राजर्षि मुनी (व्‍यक्तिगत-राष्‍ट्रीय श्रेणी में), इटली की सुश्री एंटोनिटा रोजी, (व्‍यक्तिगत-अंतर्राष्‍ट्रीय श्रेणी में), बिहार स्‍कूल ऑफ योग (संगठन-राष्‍ट्रीय श्रेणी में) तथा जापान योग निकेतन (संगठन-अंतर्राष्‍ट्रीय श्रेणी में) को पुरस्‍कार के लिए चुना गया।
  • पुरस्‍कार के तहत एक ट्रॉफी, प्रमाण-पत्र तथा नकद पुरस्‍कार दिये जायेंगे। प्रत्‍येक पुरस्‍कार का मूल्‍य 25 लाख रूपये होगा।
  • स्‍वामी राजर्षि मुनी लिम्‍बड़ी गुजरात के योगी हैं। उन्‍होंने 1971 में स्‍वामी कृपालवंदना से दीक्षा ली थी। स्‍वामी राजर्षि मुनी ने 1993 में लकुलिश इंटरनेशनल फेलाशिप इनलाइटमेंट मिशन (लाइफ मिशन) की स्‍थापना की। मिशन ने योग के प्रोत्‍साहन के लिए महत्‍वपूर्ण कार्य किया है। स्‍वामी जी ने लाइफमिशन के माध्‍यम से हजारों लोगों की जिंदगी को छुआ है।
  • सुश्री एंटोनिटा रोजी लेरिसी, इटली की योग शिक्षक हैं और योग के क्षेत्र में 42 वर्षों से अधिक का उनका अनुभव है। वह मूल रूप से स्‍वामी शिवानंद योग परंपरा की शिष्‍या हैं। उन्‍होंने बाद में विभिन्‍न भारतीय योग गुरूओं से योगाभ्‍यास के अग्रणी पहलुओं की शिक्षा ली। वह योग के प्रति समर्पण के लिए पूरे विश्‍व में आदरणीय हैं।
  • बिहार स्‍कूल ऑफ योग, मुंगेर की स्‍थापना 1964 में श्री स्‍वामी सत्‍यानंद सरस्‍वती ने की थी। यह योग संस्‍थान पारंपरिक वेदांती, तांत्रिक तथा योगिक शिक्षाओं का समकालीन शारीरिक तथा मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य विज्ञान के मेलजोल से उभरे नए दृष्टिकोणों को मिलाकर योग तकनीक विकसित करने के लिए प्रसिद्ध है। बिहार स्‍कूल ऑफ योग प्रसिद्ध अस्‍पतालों, संगठनों तथा प्रतिष्‍ठानों में सहयोग से योग परियोजनाओं तथा चिकित्‍सा अनुसंधान में निर्देशन का काम करता है।
  • जापान योग निकेतन की स्‍थापना 1980 में की गई और यह जापान में योग का पथ- प्रदर्शक रहा है। जापान योग निकेतन ऋषिकेश के योग निकेतन तथा एस-व्‍यास योग विश्‍वविद्यालय बंगलुरू के सहयोग से कार्य करता है। यह संस्‍थान जापान में संस्‍थागत प्रमाणित योग पेशेवरों को लानेमें प्रमुख है।

प्रधानमंत्री योग प्रोत्‍साहन और विकास पुरस्‍कार

  • 21 जून, 2016 को चंडीगढ़ में दूसरे अंतर्राष्‍ट्रीय योग समारोह के अवसर पर प्रधानमंत्री ने योग के प्रोत्‍साहन और विकास के लिए पुरस्‍कार गठित करने की घोषणा की थी।
  • आयुष मंत्रालय ने पुरस्‍कारों के लिए दिशा-निर्देश विकसित किया। दो समितियों – जांच समिति (प्रारंभिक मूल्‍यांकन के लिए) तथा मूल्‍यांकन समिति (निर्णायक मंडल) – का गठन किया गया ताकि पुरस्‍कार तय करने में पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाये। पुरस्‍कारों के लिए खुले विज्ञापन के माध्‍यम से नामांकन आमंत्रित किये गये।
  • आयुष सचिव की अध्‍यक्षता में जांच समिति ने एकत्रित 79 आवेदनों पर विचार किया। मंत्रिमंडल सचिव की अध्‍यक्षता में निर्णायक मंडल ने जांच समिति की सिफारिशों पर विचार किया और संस्‍थानों तथा व्‍यक्तियों के योगदानों का अपने स्‍तर पर विशलेषण किया। इस समिति में प्रधानमंत्री के अपर प्रधान सचिव, सचिव (पूर्व, विदेश मंत्रालय), आयुष सचिव डॉ. हंसा योगेन्‍द्र तथा डॉ. जयंत यशवंत देवपुजारी शामिल थे। चयन विभिन्‍न श्रेणियों के अंतर्गत 79 नामांकनों पर विचार करने के बाद किया गया।

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