टोल प्लाजा पर रूकावटों को खत्म करने और यातायात की बेरोकटोक आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की प्रमुख पहल, राष्ट्रीय इलैक्ट्रॉनिक टोल संग्रह ( FASTag) कार्यक्रम को अखिल भारतीय स्तर पर लागू कर दिया गया है ताकि रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए अधिसूचित दरों के अनुसार उपयोग शुल्क एकत्र किया जा सके।
डिजीटल भुगतान को प्रोत्साहन देने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर शुल्क प्लाजा की सभी लेनों को 1 दिसम्बर 2019 से “फास्टैग लेनों” के रुप में घोषित करने का आदेश दिया है, जबकि एक लेन (प्रत्येक दिशा में) को हाइब्रिड लेन के रूप में रखने का प्रावधान किया गया है ताकि फास्टैग और अन्य तरीकों से अदायगी की जा सके।
जैसे-जैसे दिसंबर की अंतिम समय सीमा नजदीक आती जा रही है, एक नवम्बर 2019 से कुछ पहचाने गए राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क प्लाजाओं पर फास्टैग आदेश का ट्रायल शुरू करने का फैसला किया गया और यह धीरे-धीरे सभी शुल्क प्लाजाओं की तरफ बढ़ रहा है। फास्टैग आदेश को लागू करने और ट्रेल रन की नजदीक से निगरानी करने तथा पहचाने गए किसी भी अवरोध को हटाने के लिए आवश्यक उपाय करने के उद्देश्य से प्रत्येक राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क प्लाजाओं के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। नोडल अधिकारी और क्षेत्रीय अधिकारी अन्य लोगों के साथ जानकारी संबंधी अनुभव को साझा करेंगे। भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष सभी सम्बद्ध क्षेत्रीय अधिकारियों और प्राधिकरण मुख्यालय तथा आईएचएमसीएल के अधिकारियों के साथ रोजाना वीडियो कांफ्रेंस/समीक्षा बैठकें कर रहे हैं, ताकि एक दिसम्बर के आदेश की तैयारी की समीक्षा की जा सके। ट्रेल रन के दौरान जिन वाहनों में फास्टैग नहीं लगा था, उन तक पहुंचकर उन्हें इसके फायदों से अवगत कराया गया और फास्टैग की पेशकश की गई। नियमित रूप से आने-जाने वाले लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न चैनलों जैसे राष्ट्रीय और स्थानीय समाचार पत्रों, पत्र-पत्रिकाओं के जरिए मार्केटिंग और संवर्धन गतिविधियां चलाई जा रही है।
फास्टैग को विभिन्न बैंकों और आईएचएमसीएल/एनएचएआई द्वारा स्थापित 28,500 बिक्री केन्द्रों से खरीदा जा सकता है, जिनमें राष्ट्रीय राजमार्ग के सभी शुल्क प्लाजा, आरटीओ, साझा सेवा केन्द्र, परिवहन केन्द्र, बैंक की शाखाएं, कुछ चुने हुए पेट्रोल पम्प आदि शामिल हैं।
सरकार के राजपत्र की अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क प्लाजा पर फास्टैग के बिना यदि कोई भी वाहन “फास्टैग लेन” में प्रवेश कर रहा है, तो उसे वाहन की उस श्रेणी के लिए लागू शुल्क के दोगुना शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण राजमार्गों पर परेशानी मुक्त यात्रा के लिए चौतरफा प्रयास कर रहा है।