प्रधानमंत्री वन धन योजना (पीएमवीडीवाई)पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला” 30 अक्टूबर 2019 को नई दिल्ली में शुरू हुई ।
पीएमवीडीवाई ( Pradhan Mantri Van Dhan Yojana: PMVDY) ) जनजातीय कार्य मंत्रालय की 100 दिनों की योजना का एक घटक है। कार्यशाला का आयोजन कार्यक्रम के तहत सभी गतिविधियों का जायजा लेने और भविष्य के कदमों की योजना बनाने के लिए किया गया है। इस कार्यशाला में ट्राइफेड टीम के साथ 25 राज्यों के प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
ट्राइफेड के महानिदेशक श्री प्रवीण कृष्णा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि वन धन योजना जनजातीय उद्यमी तैयार कर रही है और यह एमएसपी कार्यक्रम नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जनजातीय उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और विपणन बहुत महत्वपूर्ण कारक हैं। इसके अलावा खुदरा विक्रेताओं को अच्छा कमीशन प्रदान करते हुए उनका एक निष्ठावान नेटवर्क तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुदृढ़ तकनीकी सहायता के साथ-साथ एक अच्छा व्यवसाय मॉडल अपनाने की और मूल्य संवर्धन पर ध्यान केंद्रित किए जाने की जरूरत है।
ट्राइफेड को अब तक 15 राज्यों से 555 वीडीवीके प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और उन्हें मंजूरी दी जा चुकी है, इनमें आंध्र प्रदेश (30), असम (3), बिहार (8), छत्तीसगढ़ (136), गुजरात (17), झारखंड (39), कर्नाटक (19), मध्य प्रदेश (20), महाराष्ट्र (64), मणिपुर (6), नागालैंड (20), ओडिशा (156), राजस्थान (25), तमिलनाडु (7) और उत्तर प्रदेश (5) शामिल हैं।
ट्राइफेड पीएमवीडीवाई के लिए आईटी प्लेटफॉर्म और मोबाइल एप्लीकेशन तैयार करने की प्रक्रिया में है। कार्यशाला में इसकी विभिन्न विशेषताओं के बारे में चर्चा की जाएगी और इसे सभी हितधारकों के साथ साझा किया जाएगा, ताकि इस बारे में उनकी प्रतिक्रिया का पता लगाया जा सके। आईटी प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप के लिए एसआरएस दस्तावेज वन धन डैशबोर्ड पर अपलोड कर दिया गया है।