ब्लू-वेफर और ब्लैक-वेफर सोलर पीवी सेल के सम्बंध में स्पष्टीकरण

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने नई दिल्ली में सोलर पीवी सेल्स के स्वदेशी निर्माण के सम्बंध में स्पष्टीकरण दिया है। एक प्रमुख निर्णय के तहत भारत में सोलर सेल के निर्माण को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

उल्लेखनीय है कि एमएनआरई के कुसुम (KUSUM) जैसे अनेक प्रमुख कार्यक्रमों में स्वदेशी आधार पर निर्मित सोलर पीवी सेल के अनिवार्य उपयोग का प्रावधान किया गया है। बहरहाल, देखा गया है कि कई निर्माता अर्द्ध-प्रसंस्कृत सोलर पीवी सेल (ब्लू-वेफर-Blue Wafer) का आयात कर रहे हैं और भारत में उसका पूरा निर्माण कर रहे हैं, जो मानकों पर खरे नहीं उतरते।

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यदि अलग-अलग टुकड़ों में सिलिकॉन वेफर आयात किए जाते हैं और भारत में उस कच्चे माल को सोलर पीवी सेल बनाने में इस्तेमाल किया जाता है, तो ऐसे सोलर पीवी सेलों को एमएनआरई की योजनाओं/कार्यक्रमों के तहत स्वदेशी निर्मित सोलर पीवी सेल नहीं माना जाएगा। केवल उन्हीं सोलर पीवी सेल को मान्यता दी जाएगी जिनका निर्माण स्वदेशी आधार पर भारत में किया जाए और जिनके निर्माण में ठोस सिलिकॉन वेफर (यानी ब्लैक-वेफर-Black Wafer) का उपयोग किया जाए।

इस निर्णय से भारत में मजबूत सोलर निर्माण का आधार बनने की उम्मीद है।

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