- लोकसभा ने 27 दिसंबर, 2018 को ‘मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों की सुरक्षा) विधेयक, 2018 को पारित कर दिया। कांग्रेस एवं एआईडीएमके ने विधेयक पर मतदान से पहले ही सदन छोड़कर चले गए।
- मुस्लिमों के लिए तीन तलाक प्रथा को दंडात्मक बनाने संबंधी अ्धयादेश का स्थान लेने के लिए 17 दिसंबर, 2018 को लोकसभा में यह विधेयक पेश किया गया था।
- विधेयक की उपधारा-3 के तहत लिखित या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से त्वरित तीन तलाक देने को अवैध एवं विधि शून्य घोषित करने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए तीन साल जेल की सजा का प्रावधान किया गया है।
- विधेयक में जमानत का भी प्रावधान किया गया है जो मजिस्ट्रेट द्वारा दी जा सकती है।
- विधेयक में परवरिश व्यय का भी प्रावधान है जो मजिस्ट्रेट द्वारा तय किया जाएगा।
- केंद्रीय विधि मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद के अनुसार जनवरी 2017 से अब तक तीन तलाक के 477 मामले रिपोर्ट की गईं हैं जिनमें से 200 मामले सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ‘तलाक-ए-बिद्दत’ को अवैध घोषित करने के पश्चात दर्ज किए गए हैं।