डेटा सुरक्षा पर गठित न्यायमूर्ति बी-एन-श्रीकृष्णा कमेटी ने ‘ड्राफ्रट पर्सनल डेटा प्रोटेक्टसन बिल 2018’ अपनी रिपोर्ट 27 जुलाई, 2018 को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद को सौप दिया। अगस्त 2017 में इस कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी की प्रमुख सिफारिशें निम्नलिखित हैंः
- भारतीय नागरिकों की गंभीर व्यक्तिगत डेटा को भारत में स्थित केंद्र से ही प्रसंस्कृत किया जाएगा। हलांकि कौन से डेटा ‘गंभीर’ की श्रेणी में शामिल किया जाएगा, यह सरकार पर छोड़ दिया गया है।
- अन्य डेटा को कुछ शर्तों के अधीन देश के बाहर प्रसंस्कृत किया जा सकता है। हालांकि डेटा की कम से कम एक कॉपी भारत में भी भंडारित किया जाना चाहिए।
- जो डेटा प्रोसेसर्स भारत में उपस्थित नहीं हैं, यह नियम उन पर लागू होगा जो भारत में व्यवसाय या प्रोफाइलिंग जैसी अन्य गतिविधियां कर रहे हैं जो कि भारत में डेटा सिद्धांतों की गोपनीयता को नुकसान पहुंचाए।
- इस प्रारूप में डेटा प्राइवेसी कानून का उल्लंघन करने वाल डेटा प्रोसेसर्स पर दंड का तथा इसके लिए क्षतिपूर्ति का भी प्रावधान है।
- इसके प्रावधानों का उल्लंघन करने पर किसी डेटा प्रोसेसिंग इकाई के वैश्विक टर्नओवर का 4 प्रतिशत या 15 करोड़ रुपये दंड का सुझाव दिया गया है। डेटा सुरक्षा में सेंध पर त्वरित कार्रवाइ नहीं करने की दशा में 5 करोड़ रुपए या दो प्रतिशत दंड का प्रावधान किया गया है।
- स्वतंत्रत विनियामक निकाय के रूप में एक डेटा प्रोटेक्शन प्राधिकरण का गठन किया जाएगा जो इस कानून के प्रवर्तन व प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार होगा। डीपीए के खिलाफ अपील के लिए एक अपील न्यायाधीकरण का गठन किया जाएगा या पहले के किसी न्यायाधीकरण को यह अधिकार दिया जाएगा जो डीपीए के खिलाफ को सुनेगा।
- सरकार को सामाजिक कल्याण, विधि एवं व्यवस्था, आपात स्थितियों में उपभोक्ता के बिना सहमति के डेटा प्रोसेस करने का अधिकार होगा।
पर्सनल डेटा क्या है?
- प्राकृतिक व्यक्ति से जुड़े डेटा, जो कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर पहचाने जा सकते हों, जिनका किसी चरित्र, लक्षण के प्रति सम्मान हो या किसी ऐसे संयुक्त विशेषताओं से युक्त हों।
राइट टू बी फॉरगॉटेनः
- कमेटी के अनुसार इस अधिकार से आशय किसी व्यक्ति द्वारा किसी निजी सूचनाओं को इंटरनेट पर सीमित, डीलिंक, डीलीट या सुधार करने की क्षमता से है जो कि भ्रमित करने वाला या शर्मिंदा करने वाला या अप्रासंगिक है।