कैदियों की दशा पर न्यायमूर्ति अमिताव राय समिति की रिपोर्ट

जेल सुधारों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त जस्टिस अमिताव रॉय (सेवानिवृत) समिति ने सिफारिश की है कि हर नए कैदी को जेल में पहले सप्ताह अपने परिवार के सदस्यों से बात करने के लिए दिन में एक बार मुफ्त फोन कॉल की अनुमति दी जानी चाहिए ।

मुख्य न्यायाधीश शरद ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष 6 फरवरी, 2020 को सुनवाई के लिए 300 पन्नों की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी।

रिपोर्ट में रसोई में भोजन पकाने के तरीकों को आदिम और कठिन बताया गया है । रिपोर्ट के मुताबिक किचन कंजस्टेड और अस्वास्थ्यप्रद हैं और वर्षों से एक जैसा आहार ही परोसा जा रहा है.

कमेटी ने आधुनिक रसोई सुविधाएं, आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए कैंटीन तथा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवायी की सिफारिश की है।

कमेटी ने यह भी कहा है कि अधिकांश जेल अंडर-ट्रायल कैदियों से भरा-पड़ा है तथा उनकी संख्या दोषी ठहरा दिये गए कैदियों की तुलना में काफी अधिक है। इसलिए प्रत्येक 30 कैदियों पर एक वकील की सिफारिश की है।

पृष्ठभूमि

सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2018 में जेलों में बंद कैदियों की विभिन्न समस्याओं की जांच करने के लिए पूर्व न्यायाधीश जस्टिस अमिताव रॉय की अध्यक्षता में न्यायिक समिति गठित किया था ।

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