- भारत सरकार, झारखंड सरकार और विश्व बैंक ने झारखंड के लोगों को बुनियादी शहरी सेवाएं मुहैया कराने और राज्य के शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) की प्रबंधन क्षमता बेहतर करने के लिए 24 जून 2019 को 147 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए।
- झारखंड नगरपालिका विकास परियोजना के तहत बुनियादी शहरी सेवाएं मुहैया कराने के लिए नगरपालिका क्षेत्र (सेक्टर) की क्षमता बेहतर करने पर फोकस किया जाएगा।
- इसके तहत शहरी वित्त और गवर्नेंस के क्षेत्रों में सुधारों को लागू करने के लिए विभिन्न शहरी सेवाओं जैसे कि जलापूर्ति, सीवरेज, जल निकासी एवं शहर की सड़कों में निवेश किया जाएगा और झारखंड अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी (जेयूआईडीसीओ) के साथ-साथ शहरी स्थानीय निकायों की भी क्षमता मजबूत की जाएगी।
- यह तेजी से शहरीकरण की दिशा में अग्रसर इस राज्य की जरूरतों के अनुरूप है, जहां लगभग 31 मिलियन लोग शहरी क्षेत्रों में रहते हैं और झारखंड के 24 जिलों में से 9 जिलों में शहरी आबादी की वृद्धि दर भारत की 2.7 प्रतिशत की समग्र शहरीकरण गति से अधिक है।
- राज्य के सभी 43 यूएलबी के लिए अधिकांश घटक खुले है, जो इस योजना के सहमति फ्रैमवर्क के आधार पर सहभागी बन सकते है। इससे 3,50,000 शहरी निवासियों को को लाभ होगा। इनमें से 45 प्रतिशत महिलाएं होगी।
- पाईप के माध्यम से जलापूर्ति, जल निकासी के लिए पम्पों-मशीनों का इस्तेमाल, पर्यावरण अनुकूल सड़क निर्माण और ऊर्जा दक्षता के साथ सड़कों पर रोशनी की व्यवस्था से शहरी सेवाएं बेहतर होगी और यह पर्यावरण के भी अनुकूल होगा।
- दो उप योजनाएं- खूंटी जलापूर्ति उप योजना तथा धनबाद सड़क उप योजना का कार्य जल्द ही शुरू होगा। अन्य प्रमुख घटकों के तहत योजना से शहरी प्रशासन बेहतर होगा, क्योंकि शहरी स्थानीय निकायों को अपनी संगठन क्षमता में वृद्धि, वित्तीय प्रबंधन और नोडल एजेंसी जेयूआईडीसीओ के विकास के लिए सहायता दी जाएगी।