राज्यसभा में 19 नवंबर 2019 को जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित हो गया।
इसके साथ ही यह विधेयक संसद द्वारा पारित हो गया। लोकसभा 2 अगस्त, 2019 को पहले ही इस विधेयक को पारित कर चुकी है।
इस विधेयक में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष को न्यास का स्थायी सदस्य बनाए जाने से संबंधित धारा को हटाकर इसका संचालन करने वाले न्यास को अराजनैतिक बनाने का प्रयास किया गया है।
विधेयक में यह संशोधन भी किया गया है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अथवा जहां विपक्ष का ऐसा कोई नेता नहीं हो, तो ऐसे में सदन में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को न्यास के सदस्य के रूप में शामिल किया जाए।
विधेयक में यह संशोधन भी किया गया है कि नामित न्यासी को पांच साल की अवधि समाप्त होने से पहले भी केंद्र सरकार द्वारा हटाया जा सकता है।
संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने इस अवसर पर कहा कि इस वर्ष जलियांवाला बाग नरसंहार की 100वीं बरसी है और इस घटना के 100 साल बीत जाने के बाद आवश्यक है कि जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक को सही मायने में राष्ट्रीय स्मारक बनाया जाए। ये संशोधन इस स्मारक को सही मायने में राष्ट्रीय स्मारक बनाएंगे।