- केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान ने 9 अगस्त 2019 को ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ (‘One Nation One Ration Card’) के लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना और गुजरात व महाराष्ट्र के दो क्लस्टरों में ‘अंतर-राज्य राशन वितरण’ (inter-State portability ) का शुभारंभ किया। इससे दोनों ही क्लस्टरों के लाभार्थी संबंधित दोनों राज्यों में से किसी भी राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मिलने वाले लाभ को प्राप्त कर सकेंगे।
- श्री पासवान ने अंतर-राज्य पोर्टेबिलिटी या अंतर-राज्य राशन वितरण का शुभारंभ करने के बाद मीडिया को बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर राशन कार्डों की पोर्टेबिलिटी का शुभारंभ हो गया है। इसकी शुरुआत इन दोनों राज्य क्लस्टरों से हुई है। कम्प्यूटरीकरण योजना के तहत हुई प्रगति से लाभ उठाने के बाद 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों यथा आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा ने अपने यहां सार्वजनिक वितरण प्रणाली की किसी भी दुकान से कार्डधारकों को निर्दिष्ट राशन या खाद्यान दिलाने के लिए राशन कार्डों की इंट्रा-स्टेट पोर्टेबिलिटी को कार्यान्वित कर दिया है। इसके अलावा यह परिकल्पना की गई है कि अंतर-राज्य पोर्टेबिलिटी को उन 11 राज्यों में 1 जनवरी, 2020 से शुरू कर दिया जाएगा जो पहले ही अपने यहां इंट्रा-स्टेट पोर्टेबिलिटी को लागू कर चुके हैं।
- जो अन्य राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अंतर-राज्य पोर्टेबिलिटी की तैयारियां पहले ही कर ली हैं वहां इसे चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाएगा। इससे देश भर में कहीं भी एनएफएसए के तहत रियायती अनाज पाने के लिए राशन कार्डधारकों की राष्ट्रव्यापी पोर्टेबिलिटी 1 जनवरी, 2020 से संभव हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे वे लोग काफी लाभान्वित होंगे जो रोजगार की तलाश, विवाह अथवा अन्य किसी और कारण से देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में चले जाते हैं।