असम के नवरुप की रीतु बोरदोलोई ने 2 अक्टूबर, 2018 को इतिहास रच दिया। वे मीथेनॉल ईंधन का कुकिंग स्टोव का प्रथम मालिक व उपभोक्ता हैं।
- नामरुप स्थित असम पेट्रोकेमिकल लिमिटेड की पायलट परियोजना के तहत राज्य के 500 लोगों को मीथेनॉल ईंधन के 1.2 लीटर के कनेस्तर वितरित किए गए।
- असम पेट्रोकेमिकल लिमिटेड सार्वजनिक क्षेत्र की पहली कंपनी है जो प्राकृतिक गैस से मीथेनॉल व फॉर्मेलिन बनाती है।
- अफ्रीका के 5.5 लाख लोग तथा चीन के 80 लाख लोग खाना पकाने के लिए मीथेनॉल ईंधन का इस्तेमाल करते हैं। परंतु भारत ऐसा पहला देश है जहां एलपीजी के स्थानापन्न पर विचार किया जा रहा है।
मीथेनॉल ईंधन
- मीथेनॉल सिंगल कार्बन कंपाउंड है जो भारत में एक बेहतर वैकल्पिक ईंधन हो सकता है।
- यह काफी कुशल ईंधन है जिसे गैसोलिन एवं डीजल के साथ भी मिश्रण किया जा सकता है।
- यह कम नाइट्रोजन ऑक्साइड, पीएम उत्सर्जित करता है तथा सल्फर डॉइऑक्साइड बिल्कुल उत्सर्जित नहीं करता है।
- इसे डाइमीथाइल इथर (डीएमई) में भी बदला जा सकता है जो कि स्वच्छ डीजल विकल्प है।
मीथेनॉल
- मीथेनॉल या मीथाइल अल्कोहल विभिन्न रसायन उद्योगों का बिल्डिंग ब्लॉक है। यह एक पारदर्शी द्रव है जो अल्कोहल जैसा गंध देता है।
- यह अत्यधिक ज्वलनशील व विषाक्त है।
- इसे प्राकृतिक गैस, कोयला और बायोमास, नगरीय अपशिष्ट व रिसाइक्ल कार्बन डाइ ऑक्साइड से उत्पादित किया जा सकता है।