- भारतीय वैज्ञानिकों ने शिगेल्लोसिस (Shigellosis) नामक बीमारी के इलाज के लिए पहली टीका का विकास किया है।
- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर), राष्ट्रीय हैजा एवं आंत्र रोग संस्थान (National Institute of Cholera and Enteric Diseases: NICED) ने इस टीका का विकास किया है। आईसीएमआर ने विकसित टीका संबंधी प्रौद्योगिकी 23 अप्रैल, 2019 को वेलकम ट्रस्ट हिलेमैन लैब्रोट्रीज को दिया जो इसका वाणिज्यिक उत्पादन करेगा। अगले वर्ष तक इस टीका के बाजार में आने की संभावना है।
- वैश्विक स्तर पर बहुत सी दवाइयों के खिलाफ प्रतिरोधकता विकसित होने के खतरा के बीच शिगेला के लिए प्रभावी टीका की कमी स्थिति को और गंभीर कर सकता था। इसलिए देश में ही इस टीका का विकास किया गया है।
शिगेल्लोसिस के बारे में
- शिगेल्लोसिस, डायरिया का एक प्रकार है जो शिगेल्ला नामक बैक्टीरिया परिवार से होती है। यह एक संक्रामक बीमारी है और बुखार या बिना बुखार के खून युक्त दस्त (डायरिया) इसके लक्षण हैं।
- विश्व भर में प्रतिवर्ष 125 मिलियन डायरिया के लिए यह बैक्टीरिया जिम्मेदार है। इनमें से 160,000 लोगों की मौत हो जाती है जिनमें पांच वर्ष से कम उम्र के एक तिहाई बच्चें शामिल हैं।