- केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 9 अगस्त 2019 को पूरे देश में रोटावायरस टीके के विस्तार पर कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने नव-निर्वाचित सरकार के 100 दिनों के एजेंडे के तहत एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है, जिसमें सितंबर, 2019 तक देश के सभी 36 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में प्रत्येक बच्चे को रोटावायरस (Rotavirus) टीका दिया जाएगा।
- डायरिया के कारण बच्चों की सबसे अधिक मौतें होती हैं और रोटावायरस दो साल से कम उम्र के बच्चों में गंभीर डायरिया का सबसे सामान्य कारणों में से एक है। समुचित स्वच्छता, हाथ धोने की आदतों, ओआरएस घोल और जिंक सहित रोटावायरस टीके के बल पर डायरिया के कारण बच्चों की मौत और रुगण्ता में काफी कमी लाई जा सकती है।
डायरिया और रोटावायरस
- भारत में, प्रत्येक वर्ष 1000 बच्चों में से 37 बच्चे अपना 5वां जन्मदिन नहीं देख पाते और डायरिया से होने वाली मौतें इसका प्रमुख कारण है। डायरिया के सभी कारणों में से, रोटावायरस 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में डायरिया का एक प्रमुख कारण है।
- एक अनुमान के अनुसार, भारत में प्रति वर्ष रोटावायरस के कारण अस्पताल में भर्ती के 8,72,000 मामले, बाह्य रोगियों के 32,70,000 मामले और मौतों के 78,000 मामले होते हैं।
- रोटावायरस टीका को चरणबद्ध रूप से 2016 में 4 राज्यों में शुरू किया गया था और बाद में 2018 के अंत तक कुल 11 राज्यों में इसका विस्तार किया था। फिलहाल 17 अन्य राज्यों तक इसका विस्तार किया गया है।
- अब रोटावायरस टीका देश के 28 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों- आंध्र प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, असम, त्रिपुरा, राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मणिपुर, दमन और दीव, गुजरात, बिहार, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, दादरा और नगर हवेली, गोवा, चंडीगढ़, नागालैंड, दिल्ली, मिजोरम, पंजाब, उत्तराखंड, और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में उपलब्ध है।
- सिंतबर, 2019 तक देश के सभी 36 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में इस टीके के उपलब्ध होने की आशा है।