- भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) पूर्वोत्तर ने 29 अप्रैल, 2019 को मेघालय के दो महत्वपूर्ण भूवैज्ञानिकों स्थलों पर भूवैज्ञानिक सूचनाओं के साथ जियोलॉजिकल डिस्प्ले बोर्ड लगाया है ताकि पर्यटकों, शोधकर्त्ताओं को मदद मिल सके।
- ये दो महत्वपूर्ण स्थल हैंः मावम्लुह गुफा एवं थेरियाघाट, सोभार (पूर्वी खासी जिला)। मावम्लुह गुफा में नई भूवैज्ञानिक युग की शुरूआत के चिह्न है। इसके स्टैलेगेमाइट का विश्लेषण यह दर्शाता है कि आज से 4200 वर्ष पहले कोई बड़ी जलवायवीय परिघटना हुयी थी। मावम्लुह गुफा को ग्लोबल स्ट्रैटोटाइप सेक्शन एंड प्वाइंट (Global Stratotype Section and Point: GSSP) के रूप में टैग किया गया है और यह भारत में भूवैज्ञानिक समयावधि का प्रथम प्रमाणित मार्कर है।
- उम-सोहरिंगकेव (वाहरिव) नदी खंड, थेरियाघाट में क्रिटैसियस-पैलियोजिन मास एक्सटिंशन परिघटना (Cretaceous-Palaeogene (K-Pg)) के चिह्न मौजूद हैं।
मेघालयन युग पृष्ठभूमि
- भूवैज्ञानिक इतिहास के दृष्टिकोण से अभी होलोसीन युग चल रहा है जो आज से 11,700 वर्ष पहले आरंभ हुआ था। परंतु भूवैज्ञानिकों ने इसी होलोसीन युग में एक नए उप-युग ‘मेघालयन युग’ (Meghalayan Age) का भी समावेश किया है। इस युग को भारत के मेघालय राज्य का नाम दिया गया है जहां की गुफाओं में इस युग के प्रारंभ के साक्ष्य मौजूद हैं। इंटरनेशनल क्रोनोस्ट्रैटिग्राफिक चार्ट (International Chronostratigraphic Chart), जिसमें पृथ्वी के इतिहास के टाइमलाइन को डायग्राम के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है, में ‘मेघालयन युग’ को आधिकारिक रूप से जोड़ने की तैयारी चल रही है। यह आज से 4200 वर्ष पहले आरंभ हुआ था और अब तक जारी है।
- भूवैज्ञानिक युगों के इतिहास को आधिकारिक तौर पर दर्ज करने वाले संस्थान ‘इंटरनेशनल यूनियन ऑफ जियोलॉजिकल साइंसेस’ (आईयूजीएस) इंटरनेशनल कमिशन ऑन स्ट्रैटिग्राफी’ के अनुसार इस युग की शुरूआत में भयंकर सूखा पड़ा जिससे विश्व की कई सभ्यताएं नष्ट हो गईं। नष्ट होने वाली सभ्यताओं में शामिल हैंः सिंधु घाटी सभ्यता, मेसोपोटामिया की सभ्यता, सीरिया की सभ्यता, मिस्र की सथ्यता, यूनान की सभ्यता।
- भूवैज्ञानिक 4.6 अरब वर्ष से पृथ्वी के अस्तित्व से युगों का विभाजन किया है। प्रत्येक युग का विभाजन कुछ परिघटनाओं या नए जीवों के उद्भव के आधार पर किया गया है। आज से 66 मिलियन वर्ष क्षुद्रग्रह के टकराने से जो इरिडियम तत्व निकला वह पूरी पृथ्वी पर बिखर गया। इसमें डायनासोर का अंत हो गया। यह क्रिटैशियस से पैलियोजीन युग की शुरूआत थी।
- आईसीएस ने मौजूदा होलोसीन युग को भी तीन उपवर्गों में बांटा है। होलोसीन के आरंभ को ‘ग्रीनलैंडियन’ (11,700 वर्ष पूर्व से 8326 वर्ष पहले) नाम दिया गया है जब हिम युग से पृथ्वी बाहर आया था। मध्य होलोसीन को ‘नॉर्थग्रिपियन’ (8326 वर्ष से 4200 वर्ष पहले तक) नाम दिया गया है जब अकस्मात शीतलन बढ़ गई थी। यह उपवर्ग 8300 वर्ष पहले से मेघालयन युग तक चला। मेघालय नवीनतम होलोसीन युग है।
- मेघालय के मावम्लुह गुफा (Mawmluh Cave) में जमीन से उभरे स्टैलेगेमाइट की परतों में मौजूद ऑक्सीजन एटम में परिवर्तन नए उप-युग की शुरूआत का द्योतक है। यह समस्थानिक परिवर्तन मॉनसून वर्षा में 20 से 30 प्रतिशत कमी के रूप में परिलक्षित हुआ।