- केन्द्रीय जहाजरानी मंत्री श्री नितिन गडकरी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री पिनरई विजयन 30 अक्टूबर 2018 को केरल के कोच्चि में देश के सबसे बड़े शुष्क गोदी की आधारशिला रखेंगे।
- यह गोदी सागरमाला कार्यक्रम के अंतर्गत ‘मेक इन इंडिया’ को गति प्रदान करेगा और वैश्विक जहाज निर्माण में भारत का हिस्सा दो प्रतिशत बढ़ाएगा। भारत अभी विश्व जहाज निर्माण बाजार में 0.66 प्रतिशत स्थान रखता है।
- भारत में वाणिज्यिक निर्माण उद्योग 3200 करोड़ रुपये का है और उद्योग का जोर मुख्य रूप से छोटे, मध्यम आकार के अपतटीय जहाजों तथा कार्गो/थोक वाहकों पर है।
- अभी कोच्चि शिपयार्ड में दो शुष्क गोदी हैं। एक गोदी का इस्तेमाल मुख्य रूप से 255 मीटर X 43 X 9 मीटर आकार तथा 1,10,000 डीडब्ल्यूटी क्षमता के जहाज निर्माण में किया जाता है, जबकि दूसरे गोदी का उपयोग 270 X45 X 12 मीटर आकार 1,25,000 डीडब्ल्यूटी के जहाज की मरम्मत में किया जाता है।
- नया शुष्क गोदी 1799 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। यह 310 मीटर लंबी 75 मीटर चौड़ा और 13 मीटर गहरा तथा 9.5 मीटर शुष्कता का होगा। गोदी का डिजाइन इस तरह का होगा कि जहाज निर्माण और मरम्मत दोनों का काम हो सके और 600 टी/एम तक का बोझ वहन कर सके।
- यह गोदी अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों से लैस होगा। इसमें जल शोधन यंत्र और ग्रीन बेल्ट विकास व्यवस्था होगी। इस शुष्क गोदी के साथ कोच्चि शिपयार्ड अब विशेषज्ञ और तकनीकी रूप से आधुनिक एलएनजी कैरियर, ड्रिल जहाज, जैक अप रिग्स, बड़े ड्रेजर्स तथा भारतीय नौसेना के लिए विमान वाहकों तथा उच्च स्तरीय शोध जहाजों का निर्माण कर सकेगा। यह गोदी कोच्ची को दक्षिण पूर्व एशिया में सभी मरम्मत कार्यों का केन्द्र बनाने में मदद देगा।
- यह परियोजना मई, 2021 तक पूरी हो जाएगी और इससे 2000 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
- इस अवसर पर अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह प्रशासन के लिए सीएसएल द्वारा निर्मित 500 यात्री क्षमता वाले दो जहाज भी लांच किए जाएंगे। इन जहाजों से एक द्वीप से दूसरे द्वीपों का संपर्क बढ़ेगा।