- पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने 27 फरवरी, 2019 को ‘सतत’ योजना के तहत संपीड़ित जैव-गैस (कंप्रेस्ड बायो गैस या सीबीजी) उद्यमी (उत्पादक) को 100वां आशय पत्र सौंपा। ‘
- सतत’ (SATAT) एक पहल है जिसका उद्देश्य विकास से जुड़े एक ठोस प्रयास के रूप में किफायती परिवहन या आवाजाही के लिए टिकाऊ विकल्प मुहैया कराना है जिससे वाहनों का इस्तेमाल करने वालों के साथ-साथ किसान एवं उद्यमी भी लाभान्वित होंगे।
- सतत योजना की शुरूआत चार एजेंडा के साथ की गई है, जिनमें देश में प्रतिवर्ष 62 मिलियन मीट्रिक टन के सृजित अपशिष्ट के उपयोग, आयात निर्भरता में कमी, देश में रोजगार सृजन को पूरकता प्रदान करना तथा कृषि व आर्गेनिक अपशिष्ट के जलाने से प्रदूषण तथा वाहनों के उत्सर्जन को रोकना शामिल हैं।
- यह योजना भावी उद्यमियों के लिए लाभदायक है क्योंकि इसके तहत गारंटीड रिटर्न मिलता है, तेल विपणन कंपनियों द्वारा इसका निश्चित उठाव किया जाता है, इसके लिए पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल उपलब्ध है और इसके लिए किसी विशेष प्रौद्योगिकी के होने की शर्त शामिल नहीं है।
- श्री प्रधान ने कहा कि बैंक इन परियोजनाओं की लाभप्रदता को ध्यान में रखते हुए इनके लिए आवश्यक सहयोग देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह की परियोजनाओं के लिए उदार शर्तों पर ऋण मुहैया कराने हेतु संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण कोष और जापानी सरकार से बात कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि शहरी गैस वितरण (सीजीडी) प्रणाली 400 जिलों में उपलब्ध होगी जो कंप्रेस्ड बायो-गैस के लिए तैयार बाजार उपलब्ध कराएंगे। इस परियोजना से जुड़े सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (पीएसयू) के प्रयासों की सराहना करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि इसकी शुरुआत के बाद महज पांच महीनों के भीतर ही 100 से भी अधिक आशय पत्र (एलओआई) जारी किए जा चुके हैं।