- रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 28 जुलाई, 2018 को पूरी तरह से देश में ही निर्मित दो युद्धक टैंक इंजन सेना को चेन्नई में सौपी।
- ये दो इंजन हैंः वी-46-6 (V-46-6) एवं वी92एस2 (V92S2) जो कि क्रमशः टी-72 अजेय एवं टी-90 भीष्म टैंक में लगाया जाएगा।
- इनका निर्माण इंजन कारखाना अवाडी (ईएफए) ने किया है जो कि ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड की इकाई है।
- ईएफए ने वर्ष 1987 में अपनी स्थापना से लेकर अब तक भारतीय सेना के लिए 12,000 से अधिक इंजन बनाएं हैं।
- रक्षा मंत्री ने रक्षा टैंकों के भारतीयकरण को भारतीय सुरक्षा के लिए अनिवार्य बताया क्योंकि जरूरत पड़ने पर स्थानीय स्तर पर ही इसका निर्माण हो सकेगा। उनके मुताबिक टी-72 व टी-90 टैंक इंजन के स्वदेशीकरण से 9-75 लाख रुपए एवं 33 लाख रुपए की बचत की जा सकी है।
- भारतीय सेना द्वारा उपयोग किए जा रहे तीन प्रकार के टैंक इंजन में से दो का स्वदेशीकरण कर लिया गया है। तीसरा इंजन यूटीडी-20 के भी स्वदेशी विकास की प्रक्रिया चल रही है।