रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने भारतीय तटरक्षक पोत ‘वराह’ का जलावतरण किया

  • रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 25 सितम्बर 2019 को चेन्‍नई में भारतीय तटरक्षक पोत (आईसीजीएस) ‘वराह’ (ICGS VARAH) का जलावतरण किया ।
  • रक्षा मंत्री ने विश्‍वास जताया कि आईसीजीएस ‘वराह’ समुद्री आतंकवाद के खतरों, तस्‍करी और समुद्री कानून को लागू करने के मार्ग में मौजूद चुनौतियों से निपटने में संलग्‍न तटरक्षक बेड़े को और अधिक मजबूत करेगा। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि आईसीजीएस ‘वराह’ से भारतीय तटरक्षक की निगरानी एवं गश्‍ती क्षमताएं बढ़ेंगी और ‘हमारे समुद्र के प्रहरी’ के रूप में उसकी भूमिका और भी महत्‍वपूर्ण हो जाएगी।
  • रक्षा मंत्री ने आईसीजीएस ‘वराह’ को उद्योग जगत के साथ गठबंधन और ‘मेक इन इंडिया’ का एक उत्‍कृष्‍ट उदाहरण बताया, जिसके तहत लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) शिपबिल्डिंग ने हमारी समुद्र आधारित परिसंपत्तियों के उत्‍पादन और रख-रखाव में अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘वराह’ नाम पुराण से लिया गया है, जो भगवान विष्‍णु के अवतार थे और जिन्‍होंने धरती माता की रक्षा के लिए जंगली सुअर का रूप धारण कर अपने दांतों के जरिए पृथ्‍वी को समुद्र से सुरक्षित बाहर निकाला था।

आईसीजीएस ‘वराह’

  • अत्‍याधुनिक अपतटीय गश्‍ती पोत आईसीजीएस ‘वराह’ उन सात पोतों में चौथा पोत है, जिन्‍हें एलएंडटी द्वारा उपलब्‍ध कराया जाएगा।
  • यह अत्‍याधुनिक नौवहन, संचार सेंसर और मशीनरी से लैस है। इसका संचालन विशिष्‍ट आर्थिक जोन से लेकर कन्‍याकुमारी तक को कवर करने वाले पश्चिमी तट पर स्थित न्‍यू मंगलोर बंदरगाह से किया जाएगा।
  • आईसीजीएस ‘वराह’ हिंदुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा स्‍वदेश में विकसित उन्‍नत हल्‍के हेलिकॉप्‍टर का संचालन करने में सक्षम है। यह पोत अत्‍यंत तेज गति से चलने वाली नौकाओं, चिकित्‍सा सुविधाओं और आधुनिक निगरानी प्रणालियों से लैस है।

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