केन्द्रीय सतर्कता आयोग ( Central Vigilance Commission: CVC) ) 28 अक्टूबर से दो नवम्बर तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह ( Vigilance Awareness Week ) आयोजित कर रहा है ताकि लोगों के सहयोग से सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और सत्यनिष्ठा को बढ़ावा मिले।
थीम
सतर्कता जागरूकता सप्ताह की थीम है – निष्ठावान जीवन शैली ।
आयोग के अनुसार इस थीम से समाज के सभी वर्गों विशेषकर युवाओं को नैतिक आचरण का पता चलेगा और ईमानदार, भेदभाव रहित और भ्रष्टाचार मुक्त समाज बनाया जा सके। कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत और पेंशन विभाग ने कहा कि भ्रष्टाचार से निपटने के लिए केवल कानून बनाना और संस्थान खोलना पर्याप्त नहीं हैं बल्कि मानवीय मूल्य और नैतिका अपनाना भी जरूरी है।
केन्द्रीय सतर्कता आयोग (CVC)
- सतर्कता के क्षेत्र में केन्द्रीय सरकारी एजेंसिस को सलाह तथा मार्गदर्शन देने हेतु, श्री के संथानम की अध्यक्षता वाली भ्रष्टाचार निवारण समिति की सिफारिशों पर सरकार ने फरवरी,1964 में केन्द्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना की।
- केन्द्रीय सतर्कता आयोग की अवधारणा एक शीर्षस्थ सतर्कता संस्थान के रूप में की गई है जो किसी भी कार्यकारी प्राधिकारी के नियंत्रण से मुक्त है तथा केन्द्रीय सरकार के अन्तर्गत सभी सतर्कता गतिविधियों की निगरानी करता है एवं केन्द्रीय सरकारी संगठनों में विभिन्न प्राधिकारियों को उनके सतर्कता कार्यों की योजना बनाने, निष्पादन करने, समीक्षा करने तथा सुधार करने में सलाह देता है।
- राष्ट्रपति द्वारा एक अध्यादेश जारी किए जाने के फलस्वरूप केन्द्रीय सतर्कता आयोग को 25 अगस्त, 1988 को ‘’सांविधिक दर्जा’’ देकर एक बहुसदस्यीय आयोग बनाया गया है।
- केन्द्रीय सतर्कता आयोग विधेयक, संसद के दोनों सदनों द्वारा वर्ष 2003 में पास किया गया तथा राष्ट्रपति ने 11 सितम्बर, 2003 को इस विधेयक को स्वीकृति दी। इस प्रकार, केन्द्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 (2003 की संख्या 45) उसी तिथि से प्रभावी हुआ।
- आयोग की संरचना में शामिल हैं: एक केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त जो अध्यक्ष हैं तथा सतर्कता आयुक्त जिनकी संख्या दो से अधिक नहीं होती हैं जो आयोग के सदस्य होते हैं.