दो वर्षों के इंतजार के पश्चात 21 अक्टूबर, 2019 को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ( National Crime Records Bureau ) ने भारत में अपराध 2017 रिपोर्ट ( Crime in India Report 2017) जारी किया। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2017 में भारत में अपराधों की संख्या में 3.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुयी है।
इस रिपोर्ट की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैंः
- राज्यों में अपराध दर की गणना के लिए वर्ष 2001 की जनगणना को आधार बनाया गया है जबकि मेट्रोपॉलिटन शहरों में वर्ष 2011 की जनगणना को आधार बनाया गया है।
- महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,59,849 मामले दर्ज किए गए। महिलाओं के खिलाफ अपराध के सर्वाधिक मामले उत्तर प्रदेश (56011) में दर्ज किए गए। इसके पश्चात महाराष्ट्र (31979) व पश्चिम बंगाल (30002) में दर्ज किए गए। महिलाओं के अपराध के 27-9 प्रतिशत मामले पति या संबंधितयों द्वारा क्रुड़ता से संबंधित थे।
- प्रति एक लाख आबादी पर बलात्कार के सर्वाधिक औसत मामले मध्य प्रदेश (14.7) में दर्ज किए गए। इसके पश्चात छत्तीसगढ (14.6) व दिल्ली (12.6) में दर्ज किए गए।
- रिपोर्ट में पहली बार फेक न्यूज/अफवाह दुष्प्रचार संबंधी मामले भी शामिल किए गए हैं और इस संबंध में मध्य प्रदेश (138) सबसे आगे है। इसके पश्चात उत्तर प्रदेश (32) का स्थान है।
- दंगा के कुल 58,880 मामले दर्ज किए। सर्वाधिक 11698 मामले बिहार में दर्ज किए गए।
- अनुसूचित जातियों के खिलाफ प्रताड़ना के 5775 मामले दर्ज किए जो वर्ष के 5082 से अधिक है, वहीं अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ इस तरह के 720 मामले दर्ज किए गए जो वर्ष 2016 के 844 से कम है।
- साइबर अपराध के कुल 21796 मामले दर्ज किए गए जिनमें सर्वाधिक 4971 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए। महाराष्ट्र व कर्नाटक दूसरे व तीसरे स्थान पर हैं।