विश्‍व बाल श्रम निषेध दिवस-रणनीति

विश्‍व बाल श्रम निषेध दिवस (World Day Against Child Labour) के दिन 12 जून, 2019 को श्रम और रोजगार मंत्रालय तथा वी.वी. गिरी नेशनल लेबर इंस्टीट्यूट ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के सहयोग से सतत विकास लक्ष्य – 8.7 और भारत से बाल श्रम उन्मूलन के लिए रणनीतियों पर एक तकनीकी विचार-विमर्श का आयोजन किया।

  • वर्ष 2019 के लिए विश्‍व बाल श्रम निषेध दिवस का विषय (Theme) ‘बच्चों को खेतों में नहीं बल्कि अपने सपनों के लिए काम करना चाहिए’ (‘Children shouldn’t work in fields, but on dreams!’) रखा गया है। यह बाल मजदूरी को खत्‍म करने और इसके लिए अनुकूल रणनीति विकसित करने पर केंद्रित है।
  • 2011 की जनगणना बाल श्रम में आई कमी को दर्शाती है जो 2001 में 1.26 करोड़ की तुलना में घटकर 1.01 करोड़ रह गई है।
  • सरकार बाल मजदूरी की समस्या से निपटने के लिए एक बहुआयामी रणनीति अपना रही है।
  • सरकार ने बाल श्रम (निषेध और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2016 को लागू किया है, जो 01 सितंबर, 2016 से प्रभावी हो चुका है। अब 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों का किसी तरह के रोजगार या व्यवसाय में लगाया जाना पूरी तरह से निषिद्ध है। नया कानून खतरनाक व्यवसायों और प्रक्रियाओं में किशोरों (14-18 वर्ष) के रोजगार पर प्रतिबंध लगाता है।
  • इस अवसर पर वी.वी. गिरी नेशनल लेबर इंस्टीट्यूट द्वारा निकाले गए त्रैमासिक समाचार पत्र ‘चाइल्ड होप’ का भी विमोचन किया गया।
  • अंतर्राष्‍ट्रीय श्रम संगठन की दिल्ली शाखा के निदेशक डॉ डागमर वाल्टर ने आईएलओ के कन्‍वेंशन 182 और 138 को मंजूरी दिलाने में भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। कन्‍वेंशन 138 के प्रावधानों के अनुसार रोजगार के लिए न्यूनतम आयु अनिवार्य शिक्षा के लिए तय आयु 15 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए (विकासशील देशों के मामले में 14 वर्ष तक की छूट)। कन्‍वेंशन 182 के तहत खतरनाक व्यवसायों में काम करने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष रखी गई है। अभी तक दुनिया के 167 देश कन्‍वेंशन 138 और 179 कन्वेंशन 182 की पुष्टि कर चुके हैं।
  • राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना (एनसीएलपी) का उद्देश्य काम से हटाए गए बच्चों को व्यावसायिक प्रशिक्षण के साथ-साथ मुख्य धारा की शिक्षा से जोड़कर बाल श्रम के सभी रूपों को समाप्त करना है।
  • संशोधित बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 और राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए बेहतर निगरानी और रिपोर्टिंग प्रणाली के लिए 26 सितंबर, 2017 को एक ऑनलाइन पोर्टल पेंसिल शुरू किया गया था। बाल और किशोर श्रमिकों के शैक्षिक पुनर्वास के उद्देश्य से एनसीएलपी की सभी परिचालन परियोजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन के लिए उन्‍हें इस पोर्टल पर पंजीकृत किया गया है।
  • गरीबी, बाल मजदूरी का प्रमुख कारण है। इसे खत्‍म करने के लिए इस बारे में समाज की मानसिकता और दृष्टिकोण को बदलना होगा। इस काम में लंबा वक्‍त लग सकता है।

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