- रेणुकाजी बांध बहुउद्देश्यीय परियोजना (Renukaji Dam Multipurpose Project) के लिए केन्द्र और उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
- नई दिल्ली में 11 जनवरी, 2019 को जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी और इन छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
- समझौते के तहत उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में यमुना नदी और इसकी दो सहायक नदियों-टोन्स तथा गिरि पर तीन भण्डारण परियोजनाओं के निर्माण किया जायेगा।
- इस परियोजना के तहत तीन भंडारण परियोजना का निर्माण किया जाना है। ये हैंः उत्तराखंड में यमुना नदी पर लखवर परियोजना, उत्तराखंड में ही टोंस नदी पर किशाउ परियोजना तथा हिमाचल प्रदेश में गिरि नदी पर रेनुकाजी परियोजना।
- इन परियोजनाओं का अधिकांश खर्च केन्द्र सरकार वहन करेगी।
- समझौते पर हस्ताक्षर के बाद जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि रेणुकाजी बांध परियोजना से खासतौर से राजस्थान और दिल्ली की पेयजल की समस्या हल हो जायेगी और राज्यों के बीच जल विवाद भी समाप्त हो जाएगा। पेयजल की जो समस्या है विशेष रूप से राजस्थान और दिल्ली इनके लिए बहुत बड़ी राहत मिल जाएगी।
- दिल्ली में आने वाले 50 साल तक पीने के पानी की कोई समस्या नहीं रहेगी और राजस्थान जो टेलएंड पर है उनको काफी बड़े प्रमाण पर पीने के पानी की समस्या भी सुलझाई जाएगी और खेती के लिए भी पानी मिलेगा।