- केंद्र सरकार ने ‘प्रतिकूल सूची’ (एडवर्स लिस्ट-Adverse List) में से 312 सिखों का नाम हटा दिया है। अब इस सूची में केवल दो सिखों का नाम रह गया है।
- वर्ष 1984 के सिख दंगा के पश्चात यह सूची तैयार की गई थी। इस सूची में वैसे लोगों को शामिल किया गया जो 1980 व 1990 के दशक में ब्लू स्टार ऑपरेशन का विरोध किये तथा देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे। बाद में ये लोग देश छोड़कर चले गये थे।
- वे दूसरे देश में शरण लिए हुए हैं या वहां की नागरिकता ले चुके हैं। सूची में नाम इंटेलीजेंस एजेंसियों की सूचना पर डाली जाती थी।
- इस सूची में शामिल लोगों को भारत की वीजा देने से मना कर दिया जाता है। विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों एवं एजेंसियों को निर्देश दिया गया होता है कि वे सूची में शामिल लोगों को भारत की वीजा प्रदान नहीं करे।
- चूंकि अब इन नजर रखने की प्रथा का अनुपालन नहीं किया जाता, इसलिए लोगों के नाम हटाने का निर्णय किया गया।
- वैसे केंद्र सरकार की प्रतिकूल सूची में केवल पंजाब के लोगों या खलिस्तान से जुड़े लोगाें का ही नाम नहीं है। इस सूची में वैसे लोगों के नाम भी शामिल हैं जिनका आतंकवादी संगठनों से संबंध है या भारत की विगत यात्र में वीजा नियमों का उल्लंघन किया हो। इसमें ऐसे लोगों के नाम भी शामिल हैं जो आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे हैं या जिन देशों में रह रहे हैं वहां बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपी हों।